अक्तू॰, 1 2025
- 1
जब India Meteorological Department ने 1 अक्टूबर 2025 को Delhi और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के लिये हल्की बारिश, बूँदाबाँदी और तेज़ बूंदी के साथ तूफान की संभावना जताई, तो शहर‑वासियों को तुरंत चेतावनी मिली। इस चेतावनी में पीला अलर्ट जारी किया गया, जो दर्शाता है कि अचानक तेज़ हवाओं और धुंध से यात्रा में बाधा आ सकती है। पहले ही दिन, दिल्ली‑NCR में हल्की बारिश और बादलों का विस्तार देखा गया, जिससे ट्रैफिक एवं हवाई अड्डे के संचालन पर असर पड़ा।
मौसम का व्यापक चित्र
IMD ने बताया कि 1 अक्टूबर को दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव, गाज़ीअबाद और फ़रिदाबाद में सुबह हल्की बूँदाबाँदी होगी, जबकि दोपहर में तापमान 33‑35 °C के बीच रहेगा। रात के समय तापमान 25‑27 °C तक गिरने की संभावना है, जो सामान्य रात की ठंड से कुछ गर्म रहेगा। कुछ रिपोर्टों में बताया गया कि अधिकतम तापमान 32 °C तक पहुँच सकता है, साथ ही धुंध के संकेत भी मिले।
तीन मौसमी प्रणालियाँ और उनका प्रभाव
इस असामान्य मौसम के पीछे तीन बड़े मौसमी कारक हैं:
- बंगाल की खाड़ी में लो‑प्रेशर सिस्टम, जो दक्षिण‑पूर्वी भारत में बारिश लाता है;
- अरब सागर में एक डिप्रेसन, जो पश्चिमी तट के साथ हल्की बौछारें लाता है;
- पाकिस्तान में पड़ रहा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस, जो उत्तर‑पश्चिमी भारत में ठंडक और बूंदाबाँदी लाता है।
इन तीनों का संगम केवल दिल्ली में नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर और दक्षिणी भारत में भी हल्की बारिश का कारण बन रहा है।
दिल्ली में मौजूदा स्थितियाँ: तापमान, बरसात, ट्रैफ़िक
सफ़दरजंग (Safdarjung) मौसम स्टेशन ने 24‑घंटे के अंत में 8 am पर 37.8 mm बारिश दर्ज की। वहीँ अधिकतम तापमान 33.4 °C और न्यूनतम 22.8 °C रहा, जो सामान्य से 1‑1.3 °C अधिक था। नमी सुबह 100 % तक पहुँच गई, शाम को 92 % पर गिर गई। इन आँकड़ों के चलते कई सड़कों पर जलभरे हुए गड्ढे और ट्रैफ़िक जाम बन गया।

यात्रा और उड़ान पर असर
दिल्ली हवाई अड्डे (Delhi Airport) ने यात्रियों को आधिकारिक सलाह जारी की: “जैसे ही IMD ने चेतावनी जारी की, हम सभी एरोलाइन और ग्राउंड स्टाफ के साथ मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आपके सफर में न्यूनतम व्यवधान रहे।” हालांकि, तेज़ हवाओं (गति 50 km/h तक) और कम दृश्यता के कारण कई उड़ानें देरी या रद्द हुईं। यात्रा करने वाले यात्रियों ने कहा, “कुहासे और फिसलन के कारण हवाई अड्डे पर देखभाल बहुत कठिन रही।”
वायु गुणवत्ता और स्वास्थ्य पर असर
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (Central Pollution Control Board) ने शाम 4 pm पर ए.क्यू.आई 130 दर्ज किया, जो ‘moderate’ श्रेणी में आता है। एक अन्य अनुमान के अनुसार अगले दिन का ए.क्यू.आई 91 रहने की संभावना है, फिर भी स्वास्थ्य विभाग ने एलर्जी और सांस संबंधी रोगियों को सावधानी बरतने की सलाह दी। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि धुंध के साथ हल्की बरसात वायु में मौजूद धूल‑धुआँ को नीचे ले जा सकती है, जिससे अस्थायी रूप से वायु की गुणवत्ता सुधर सकती है।
आगे क्या उम्मीद करें?
IMD ने बताया कि 2 अक्टूबर तक हल्की बारिश और बीच‑बीच में तूफानों का क्रम जारी रहेगा, दिन के तापमान 33‑35 °C और रात के 24‑26 °C के बीच रहेगा। 3 अक्टूबर को मौसम साफ‑सुथरा रहेगा, हल्की बादलछाया के साथ तथा तापमान सामान्य से 1‑2 °C ऊपर। विशेष बात यह है कि 2 अक्टूबर (दुर्गा) को एक और मजबूत तूफान की संभावना है, जिसमें अधिकतम 34 °C और न्यूनतम 25 °C रहेंगे, परंतु इस दिन के लिये अभी तक कोई अतिरिक्त अलर्ट जारी नहीं किया गया है।

Frequently Asked Questions
बारिश का असर दिल्ली के ट्रैफ़िक पर कैसे पड़ेगा?
जलभराव वाले क्षेत्रों में सड़कों पर जलजमाव हो रहा है, जिससे कई मुख्य राजमार्गों पर धीमा ट्रैफ़िक और अटके हुए वाहन देखे जा रहे हैं। विशेषकर अगस्त‑सितंबर के बाद से बनने वाले गड्ढों में पानी जमा होने से पिक अप और डिलीवरी सेवाओं में देरी आम हो गई है।
क्या इस बारिश से दिल्ली की वायु गुणवत्ता सुधरेगी?
वर्षा के दौरान धूल‑धुंए को जमीन के पास ले जाने की प्रक्रिया होती है, इसलिए कुछ घंटों में ए.क्यू.आई में हल्की गिरावट देखी जा सकती है। फिर भी, उच्च नमी और संभावित धुंध कारण सांस‑सम्बंधी रोगियों को सावधानी बरतनी चाहिए।
दिल्ली हवाई अड्डे पर उड़ानों में देरी क्यों हो रही है?
IMD की चेतावनी के अनुसार तेज़ हवाओं और कम दृश्यता को कारण बनाकर कुछ रनवे ऑपरेशन अस्थायी तौर पर रोक दिए गए हैं। एरोलाइनें सुरक्षा कारणों से टर्नअराउंड और लैंडिंग के अंतराल को बढ़ा रही हैं।
भविष्य में मौसम कैसा रहेगा?
IMD ने अगले दो दिन हल्की बूँदाबाँदी और बीच‑बीच में तूफानों की भविष्यवाणी की है, जबकि 3 अक्टूबर को हल्की बादलछाया के साथ अपेक्षाकृत ठंडा मौसम रहेगा। दुर्गा (2 अक्टूबर) को एक और बारिश‑तूफान की संभावना बनी हुई है, पर अभी तक नया अलर्ट जारी नहीं हुआ है।
क्या ये मौसमी प्रणालियाँ अगले हफ्तों में भी असर डालेंगी?
बंगाल की खाड़ी में लो‑प्रेशर सिस्टम और अरब सागर की डिप्रेसन सामान्यतः दो‑तीन दिन तक टिकती हैं, जबकि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर उत्तर‑पश्चिमी क्षेत्रों में हल्की ठंडक के साथ जारी रह सकता है। अतः अगले हफ्तों में भी मौसमी उतार‑चढ़ाव की सम्भावना बनी रहती है।