Netflix पर 18 सितंबर 2025 को लॉन्च हुई Black Rabbit, एक 8‑एपिसोड की अपराध‑थ्रिलर है जो दो भाइयों के बीच की जटिल रिश्ते को बड़े पैमाने पर दर्शाती है। जुड लाउ और जेसन बैटमैन ने मुख्य किरदारों को निभाया है, जहाँ एक भाई एक सफ़ल व सुसज्जित उद्यमी है, वहीं दूसरा कर्ज‑जाल में फँसा एक निराश व्यक्ति। कहानी पूछती है – क्या सफल भाई अपनी आर्थिक बाधाओं के कारण गिरते हुए भाई को बचा सकेगा?

कहानी और पात्र

श्रृंखला की शुरुआत दो भाइयों के बचपन की स्मृतियों से होती है। छोटे‑छोटे फ्रेम में एक पुरानी ‘Rocky III’ पोस्टर वाला कमरा दिखाया गया है, जिससे उनका साझा इतिहास स्थापित होता है। समय‑रेखा में उछाल होते रहते हैं, पर ये फ़्लैशबैक मुख्य प्लॉट को नहीं बिगाड़ते, बल्कि उनके आज के संघर्ष के पीछे के कारणों को स्पष्ट करते हैं।

पहला भाई, लाउ द्वारा निभाया गया, हर कदम पर शैंपेन जैसी चमक दिखाता है, लेकिन उसकी सतही सफलता में छिपी हुई असुरक्षा भी स्पष्ट होती है। दूसरी तरफ बैटमैन का किरदार कर्ज‑भारी, निराशा और कभी‑कभी गुस्सा‑भरा दिखता है, जिससे दर्शक उसके भीतर की जटिल भावनाओं को महसूस करते हैं। कई समीक्षक कहते हैं कि दोनों की ऑन‑स्क्रीन केमिस्ट्री असली है, कभी‑कभी प्रेम‑भरी तो कभी टकराव‑भरी।

  • जुड लाउ – सफल बिजनेस टायकून, पर अन्दर से असुरक्षित।
  • जेसन बैटमैन – कर्ज‑भारी, निराश, लेकिन दिल में आशा का संकेत।
  • सहायक किरदार – उपस्थिति में छोटे‑छोटे गैंगस्टर, पुलिस अधिकारी व रिश्तेदार, जो कहानी को बहुआयामी बनाते हैं।

निर्देशन, दृश्य शैली और समीक्षाएँ

निर्देशन में समय‑सैटिंग को बहुत ही चतुराई से मिलाया गया है। 1980‑90 के दशक की फ़ैशन, संगीत और रंग‑रूप को आज के ग्रिमी लाइटिंग के साथ जुड़े जाने से माहौल दो‑धारी बन जाता है – एक तरफ सच्ची शान, दूसरी ओर काली गंदी ठहराव। इससे दर्शकों को हर एपिसोड में नयी टोन मिलती है, जैसे वे एक पुराने टेप को नई तकनीक से देख रहे हों।

एक उल्लेखनीय एपिसोड में हीरा चोरी की घटना को कई पात्रों की नज़र से दिखाया गया है। पहली बार हम रेस्तरां में घुसते देखते हैं, फिर फिर से वही सीन दो‑तीन अलग‑अलग दृष्टिकोण से दोहराया जाता है, जिससे छोटा‑छोटा विवरण भी नई रोशनी में झलकता है। इस तकनीक ने कहानी को जटिल पर आकर्षक बना दिया।

आलोचनात्मक प्रतिक्रिया मिश्रित रही है। कुछ समीक्षकों ने लेखन की तेज़ी, दंग कर देने वाले पेसिंग और लाउ‑बैटमैन की रासायनिक बंधन को सराहा। वे कहते हैं कि श्रृंखला दर्शकों को लगातार तनाव के धारा में रखती है, जहाँ हर निर्णय का परिणाम बड़ा होता है। दूसरी ओर, अन्य समीक्षक पेसिंग को “धीमा” और फ़्लैशबैक को “अनावश्यक” बताकर प्रतिक्रिया देते हैं, और तुलना में ‘Ozark’ जैसी सफल अपराध‑ड्रामा से तीव्रता की कमी का हवाला देते हैं।

  1. पसंद: मजबूत संवाद, बहु‑परिप्रेक्ष्य कथा, बेहतरीन सिनेमैटोग्राफी।
  2. नापसंद: कभी‑कभी बिखरी हुई गति, दोहरावदार फ़्लैशबैक, कुछ पात्रों की गहरी विकास की कमी।

फिर भी, श्रृंखला यह साबित करती है कि भाई‑भतीजों के बीच का बंधन चुने‑नहीं जा सकते, और वह बंधन कई बार त्रुटिपूर्ण निर्णयों का कारण बनता है। प्रत्येक एपिसोड दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करता है – कौन सा भाई सच्चा हीरो है, और कब हमारी सहानुभूति दोनों में बंट जाती है। यह द्विआधारी भावनात्मक उलझन ही ‘ब्लैक रैबिट’ को औसत अपराध‑सीरीज़ से अलग करती है।

6 टिप्पणि

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    Animesh Shukla

    सितंबर 23, 2025 AT 16:52

    ये श्रृंखला सिर्फ एक अपराध कहानी नहीं है-ये एक दर्द का मैप है, जहाँ हर फ्लैशबैक एक घाव को खोलता है। जुड की सफलता एक लकड़ी का तख्ता है जो उसे डूबने से बचाता है, लेकिन वो खुद उस तख्ते पर चल रहा है और नीचे जेसन को देख रहा है... और वो जानता है, अगर वो थोड़ा भी झुक गया, तो दोनों डूब जाएंगे। ये बंधन... ये बंधन बहुत ज्यादा भारी है।

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    jijo joseph

    सितंबर 24, 2025 AT 06:21

    क्या आपने ध्यान दिया कि एपिसोड 4 में जब वो हीरा चोरी का सीन दोहराया गया? ऑप्टिकल फॉर्मेटिंग ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि इस श्रृंखला का डायरेक्शन बहुत नॉन-लीनियर था। वॉल्यूम डायनामिक्स, लाइटिंग कंट्रास्ट, और एक्टिंग टाइमिंग-ये सब एक डिजिटल फिल्म सिनेमैटोग्राफी के लिए एक नया स्टैंडर्ड सेट कर रहे हैं।

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    Manvika Gupta

    सितंबर 25, 2025 AT 04:00

    मैंने एपिसोड 3 देखा और रो गई... वो जब छोटा भाई उस पुरानी Rocky III पोस्टर को छू रहा था... ये बस बहुत दर्द भरा था

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    leo kaesar

    सितंबर 25, 2025 AT 16:10

    ये श्रृंखला बस Ozark का नकली वर्जन है, बिना किसी एक्शन के, बिना किसी ड्रामा के, बस दो आदमी बातें कर रहे हैं और उनकी आँखों में दर्द दिख रहा है। बोरिंग।

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    Taran Arora

    सितंबर 26, 2025 AT 12:43

    ये श्रृंखला भारतीय परिवारों की असली कहानी है-जहाँ एक भाई बाहर चमकता है, दूसरा अंदर टूट रहा होता है। ये कोई फिल्म नहीं, ये हमारा घर है। देखो और खुद को ढूंढो।

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    Ajay Chauhan

    सितंबर 27, 2025 AT 22:36

    फ्लैशबैक्स बहुत ज्यादा हैं। अगर ये एक फिल्म होती तो मैं बोर हो जाता। अब ये बस एक लंबी टीवी सीरीज है जिसमें लोग अपने दर्द को दिखाने के लिए बैठे हैं। बस।

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