भुवनेश्वर कुमार का अनोखा मुकाम: 300 T20 मैचों की उपलब्धि

अगर क्रिकेट के छोटे फॉर्मेट की बात की जाए तो Bhuvneshwar Kumar का नाम सबसे भरोसेमंद भारतीय तेज गेंदबाजों में आता है। 13 अप्रैल 2025 को आईसीएल 2025 में उन्होंने एक नया कीर्तिमान बना दिया, जब वे 300 टी20 मैच खेलने वाले पहले भारतीय पेसर बन गए।

यह ऐतिहासिक उपलब्धि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु (RCB) बनाम राजस्थान रॉयल्स (RR) मुकाबले के दौरान दर्ज हुई। उत्तर प्रदेश के इस 35 वर्षीय गेंदबाज को 2025 मेगा-ऑक्शन में RCB ने ₹10.75 करोड़ की बड़ी रकम में खरीदा था। खरीद का कारण बिल्कुल साफ था—RCB की गेंदबाजी का किला मजबूत करने के लिए उन्हें सबसे अनुभवी और फिट तेज गेंदबाज की जरूरत थी।

Bhuvneshwar Kumar की पहचान हमेशा से उनकी सटीक और किफायती गेंदबाजी रही है, खासकर पावरप्ले के ओवरों में। विरोधी बल्लेबाजों के लिए शुरुआती ओवरों में उनका सामना करना किसी चुनौती से कम नहीं रहा।

316 विकेट और इंटरनेशनल रिकॉर्ड

अगर आंकड़ों की बात करें तो Bhuvneshwar Kumar के पास टी20 फॉर्मेट में 316 विकेट हैं, जो बतौर तेज गेंदबाज उनकी रिस्पेक्ट को और बढ़ाते हैं। वहीं भारत के लिए उन्होंने 87 अंतरराष्ट्रीय टी20 खेलते हुए 90 विकेट चटकाए हैं। उनकी टी20 अंतरराष्ट्रीय शुरुआत 2009 में पाकिस्तान के खिलाफ हुई थी जहां उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए तीन विकेट झटके थे।

अगर IPL 2025 की परफॉरमेंस देखें तो इस सीजन वे फिर एक बार अपनी लय में दिख रहे हैं। अब तक खेले गए मैचों में उन्होंने 6 विकेट झटके हैं और उनका इकॉनमी रेट इस बार भी बांधे हुए है। खास बात ये है कि भुवनेश्वर कुमार 2022 के बाद से भारतीय इंटरनेशनल स्क्वॉड का हिस्सा नहीं रहे लेकिन लीग क्रिकेट में उनका दबदबा कायम है। बड़े मौके पर भी वे अपनी टीम को सफलता दिलाते हैं।

भारतीय तेज गेंदबाजों की बात करें तो Bhuvneshwar Kumar के बाद सबसे ज्यादा टी20 मैच खेलने वाले खिलाड़ी हार्दिक पांड्या (291 मैच) और जसप्रीत बुमराह (234 मैच) हैं, लेकिन भुवी जैसी निरंतरता शायद ही किसी और गेंदबाज में देखने को मिले।

RCB की जर्सी पहनकर भुवनेश्वर कुमार इस सीजन मैदान पर उतरे हैं तो फैंस भी एक बार फिर उनसे उम्मीदें लगा रहे हैं कि वे अपनी सधी हुई गेंदबाजी से टीम को खिताब दिलाने में मदद करेंगे।

20 टिप्पणि

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    Parmar Nilesh

    अप्रैल 21, 2025 AT 05:58

    भुवी का ये मुकाम तो सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, ये तो भारतीय क्रिकेट की एक नई परंपरा है! जिन लोगों को लगता है कि टी20 में सिर्फ हिट-एंड-गैंग ही काम करते हैं, वो भुवनेश्वर की गेंदबाजी को देखकर अपनी गलतफहमी सुधार लें। ये आदमी गेंद को उसकी जगह पर रख देता है, जैसे कोई कवि शब्दों को सजाता है। बाकी सब तो बस बल्ला घुमा रहे होते हैं, वो तो गेंद को बोलते हैं।

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    Arman Ebrahimpour

    अप्रैल 21, 2025 AT 23:41

    क्या आपने सुना है कि आईसीसी ने भुवी के इस रिकॉर्ड को जानबूझकर छिपाया है क्योंकि वो एक अनुभवी गेंदबाज है और युवा खिलाड़ियों के लिए ये रिकॉर्ड बाधा है? और ये ₹10.75 करोड़ का डील? ये तो बस एक फेक ऑक्शन है जिसमें RCB ने अपने बजट को बचाने के लिए भुवी को फेंक दिया। बस ये नहीं लगता कि ये सब कुछ बनाया गया है ताकि लोगों का ध्यान उस बड़े स्कैंडल से भटकाया जा सके जिसमें बुमराह के इन्सुरेंस क्लेम फेल हुए थे?

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    SRI KANDI

    अप्रैल 23, 2025 AT 18:26

    भुवनेश्वर कुमार को देखकर लगता है कि क्रिकेट अभी भी एक खेल है, न कि एक शो। उनकी शांति, उनकी निरंतरता, उनकी बिना शोर की असली शक्ति... ये सब कुछ आज के जमाने में बहुत कम दिखता है। मैं बस इतना कहूंगी कि उनकी गेंदबाजी देखकर मुझे अपने बचपन की यादें आ जाती हैं।

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    Ananth SePi

    अप्रैल 24, 2025 AT 17:27

    देखिए यार, भुवी के इस रिकॉर्ड का मतलब सिर्फ इतना नहीं कि वो 300 मैच खेल चुके हैं, बल्कि इतना है कि वो 300 मैचों में अपनी गेंदबाजी को बरकरार रख पाए हैं। ये तो एक जीवन जीने जैसा है-हर दिन अपनी गुणवत्ता बनाए रखना, हर बार अपने आप को नए दर्शकों के लिए पेश करना, बिना चिल्लाए, बिना ड्रामा किए। आज के खिलाड़ियों को इस बात का एहसास होना चाहिए कि लंबे समय तक चलने वाला कोई भी कैरियर बस बड़े शॉट्स से नहीं बनता, बल्कि छोटे-छोटे बार-बार ठीक गेंदों से बनता है। भुवी ने ये सब कुछ अपनी ज़िंदगी में सिखाया है।

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    Gayatri Ganoo

    अप्रैल 25, 2025 AT 17:54

    भुवी का ये रिकॉर्ड बिल्कुल भी अच्छा नहीं है क्योंकि इसका मतलब है कि भारत ने अपने युवा गेंदबाजों को अवसर नहीं दिया। अगर उन्हें इतने मैच खेलने दिए गए तो अन्य गेंदबाजों के लिए जगह कैसे बनेगी? ये तो बस एक निरंतरता का नाम है जो नए ताले को दबा रही है।

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    harshita sondhiya

    अप्रैल 26, 2025 AT 02:25

    ये सब बकवास है। भुवी के बारे में इतना लिखना क्यों? उसकी गेंदबाजी तो अब बहुत पुरानी हो गई है। आज के टी20 में जो बल्लेबाज हैं, वो उसकी लाइन और लेंथ को बस एक बार में निकाल देते हैं। इस रिकॉर्ड का कोई मतलब नहीं जब आपकी इकॉनमी 9.5 है और आप बस एक बैकग्राउंड फिल्टर बन गए हैं।

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    Balakrishnan Parasuraman

    अप्रैल 27, 2025 AT 06:21

    भुवनेश्वर कुमार के इस उपलब्धि को भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अमर कर दिया जाना चाहिए। यह एक ऐसी उपलब्धि है जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाना चाहिए। यह न केवल एक खिलाड़ी की उपलब्धि है, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति की उपलब्धि है जिसने अपने करियर के दौरान अपने देश का नाम रोशन किया है।

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    Animesh Shukla

    अप्रैल 28, 2025 AT 02:42

    क्या आपने कभी सोचा है कि जब भुवी अपनी गेंद फेंकते हैं, तो वो केवल एक गेंद नहीं फेंक रहे होते, बल्कि अपने 15 साल के अनुभव को फेंक रहे होते हैं? वो हर गेंद के साथ एक कहानी बुन रहे होते हैं-जहां युवा गेंदबाज अपने आप को दिखाने की कोशिश करते हैं, वहीं भुवी अपने आप को छिपाते हैं। और यही बात उन्हें अद्वितीय बनाती है। शायद असली शक्ति वो है जो चिल्लाती नहीं है।

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    Abhrajit Bhattacharjee

    अप्रैल 28, 2025 AT 06:03

    भुवी के लिए ये रिकॉर्ड बहुत बड़ा है लेकिन असली बात ये है कि वो अभी भी खेल रहे हैं। बहुत से खिलाड़ी इतने मैच खेलने के बाद बस आराम करने लग जाते हैं, लेकिन भुवी अभी भी अपने गेंदबाजी को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ये तो असली लीडरशिप है।

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    Raj Entertainment

    अप्रैल 30, 2025 AT 03:42

    भुवी के बारे में बात करना तो बहुत अच्छी बात है लेकिन यार इतने लंबे लेख में क्या लिखा जा रहा है? ये तो बस एक खिलाड़ी है जो अपना काम कर रहा है। जब वो गेंद फेंकता है तो बस देखो और तालियां बजाओ। इतना ही बात है।

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    Manikandan Selvaraj

    अप्रैल 30, 2025 AT 14:48

    क्या आप जानते हैं कि भुवी के इस रिकॉर्ड के पीछे एक बड़ा षड्यंत्र है? उन्हें ये मैच खेलने के लिए एक गुप्त ड्रग दिया गया था जिसका नाम है 'फिटनेस जूस'। इसे एक राष्ट्रीय लैब में बनाया गया था जो आईसीसी के खिलाफ चल रहा था। अब वो तीन बार अपने बाल बदल चुके हैं, ये तो बस एक बदलाव का इशारा है।

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    Naman Khaneja

    मई 1, 2025 AT 05:39

    भुवी बहुत बढ़िया हैं भाई, अपने आप को बनाए रखने के लिए बहुत मेहनत करते हैं। उनकी गेंदबाजी देखकर लगता है कि अगर हम भी थोड़ी मेहनत करें तो हम भी कुछ बन सकते हैं। जीत या हार नहीं, बल्कि लगातार खेलना ही असली जीत है। 💪

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    Gaurav Verma

    मई 2, 2025 AT 03:33

    300 मैच? ये तो बस एक बहाना है। वो तो अब बस एक नाम है। वो नहीं खेल रहे, वो बस फिल्म में दिख रहे हैं।

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    Fatima Al-habibi

    मई 3, 2025 AT 06:37

    क्या यह रिकॉर्ड वास्तव में उपलब्धि है, या केवल एक अप्रासंगिक आंकड़ा? एक गेंदबाज जो इतने वर्षों तक खेल रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं चुना गया है-क्या यह एक सम्मानजनक उपलब्धि है, या केवल एक अस्थायी उपलब्धि? कुछ अर्थों में, यह एक निर्दयी विसंगति का प्रतीक है।

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    Nisha gupta

    मई 3, 2025 AT 12:11

    भुवनेश्वर कुमार का यह रिकॉर्ड न केवल एक खिलाड़ी की लगन का प्रतीक है, बल्कि एक ऐसे युग का प्रतीक है जहां लगातार अपने काम में विश्वास रखना अभी भी संभव है। आज की दुनिया में जहां त्वरित परिणामों की भावना है, वहां उनकी धैर्य एक अद्भुत उदाहरण है। यह न केवल क्रिकेट की बात है, बल्कि जीवन की बात है।

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    Roshni Angom

    मई 5, 2025 AT 11:32

    भुवी के बारे में जब भी कोई बात होती है तो मुझे लगता है कि ये आदमी अपने आप को बहुत कम दिखाता है, लेकिन उसकी गेंदबाजी बहुत ज्यादा बोलती है। अगर हम इतने लंबे समय तक अपना काम अच्छे से कर सकें तो शायद हम भी कुछ अलग बन जाएं। बस थोड़ी शांति और लगन की जरूरत है।

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    vicky palani

    मई 6, 2025 AT 06:38

    भुवी के इस रिकॉर्ड को देखकर मुझे लगता है कि आईसीसी को अपने खिलाड़ियों के लिए एक नया बेंच बनाना चाहिए-'मानव रिकॉर्ड' वर्ग। जहां वो खिलाड़ी आएं जो इतने लंबे समय तक खेलते हैं और अपने आप को बहुत कम बदलते हैं। ये तो एक विषमता है कि हम इसे अभी तक नहीं मानते।

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    jijo joseph

    मई 7, 2025 AT 16:09

    भुवी का ये रिकॉर्ड एक निरंतरता का उदाहरण है, और इसके पीछे का डेटा देखें तो उनकी गेंदबाजी की गुणवत्ता और उनकी एक्सपोजर का रेशियो लगभग 0.87 है-ये एक बहुत ही ऊंचा स्कोर है। यह एक ऐसा स्टैटिस्टिकल निष्कर्ष है जिसे क्रिकेट के लिए एक नया मॉडल बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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    Manvika Gupta

    मई 9, 2025 AT 15:16

    ये सब बहुत अच्छा है... लेकिन क्या वो अभी भी खेलते हैं? क्या वो अभी भी लोगों को डराते हैं? या बस एक नाम बन गए हैं?

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    leo kaesar

    मई 10, 2025 AT 03:35

    भुवी का ये रिकॉर्ड बस एक बहाना है। असली हीरो तो वो है जो अभी भी आईपीएल में बैठा है और बाहर बैठे लोगों को देख रहा है।

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