जब निशांत सिंधु, ऑलराउंडर और हरियाणा के खिलाड़ी ने 2023 के ACC Men's Emerging Asia Cup में 11 विकेट लेकर टॉप विकेट‑टेकर बने, तो सबको लगा कि जल्द ही वह राष्ट्रीय टीम में कदम रखेंगे। लेकिन अब दो साल बाद भी उनका नाम टीम इंडिया की शुरुआती XI में नहीं आया, जबकि उनका घरेलू रिकॉर्ड "निशांत सिंधु" 16 फर्स्ट‑क्लास मैचों में 953 रन (औसत 36.65) और 33 विकेट के साथ "रणजी का GOAT" बन गया है। यह कहानी सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि भारत के क्रिकेट चयन मंच की जटिलता को भी उजागर करती है।

रणजी ट्रॉफी की पृष्ठभूमि और राष्ट्रीय स्तर पर उसका महत्व

1934‑35 में शुरू हुई रणजी ट्रॉफी भारत की सबसे पुरानी प्रथम‑क्लास प्रतियोगिता है। 190‑सेवा से अधिक वर्षों में यह मंच कई लिगेंड्स को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुँचाया है। 42 बार जीतने वाले मुंबई ने अपने इकलौते पैशन को लगातार नए सितारों को निखारने में लगन से काम किया है।

ऐतिहासिक रूप से बिबी निंबालकर का 443* (1948‑49) और प्रीथ्वी शॉ का 379 (2022‑23) जैसे रिकॉर्ड एक ही प्लेटफ़ॉर्म से जुड़े हैं। इसलिए जब कोई युवा खिलाड़ी लगातार अच्छी परफ़ॉर्मेंस देता है, तो चयनकों पर दबाव बढ़ जाता है कि उन्हें अवसर दिया जाए।

निशांत सिंधु का आँकड़ा‑भरा सफर और प्रमुख परफ़ॉर्मेंस

उपनगर की धुप में खेले निशांत सिंधु ने 2022 में भारतीय अंडर‑19 टीम के साथ ICC Under‑19 Cricket World Cup जीतने में मदत की, जहाँ उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल में 50* रन बनाए।तनुश कोटियन जैसी साइड‑लाइन गेंदबाजों को भी वह पीछे छोड़ रहा है।

2023‑24 के रणजी ट्रॉफी सीजन में सौराष्ट्र (Place) के खिलाफ उसने 6 विकेट और 24 रन बनाकर मैच‑विनर परफॉर्म किया, और तबि के दिग्गज चेतेश्वर पुजारा को गिरा दिया। इस प्रदर्शन पर ‘प्लेयर ऑफ़ द मैच’ का अवार्ड मिला।

कुल मिलाकर, 16 मैचों में 3 शतक और 33 विकेट के साथ वह अभी 22 साल की उम्र में भारतीय प्रथम‑क्लास इतिहास में एक प्रमुख ऑलराउंडर बन चुका है।

टीम इंडिया चयन में बाधाएँ: विशेषज्ञों की राय

निष्पक्ष विशेषज्ञों का कहना है कि चयन प्रक्रिया में सिर्फ आँकड़े नहीं, बल्कि टीम की सामरिक जरूरतें, बेज़रता और पिच की स्थिति भी बड़ी भूमिका निभाती है। भारत के मुख्य चयनकर्ता रोहिणी शरमा (यहां केवल उदाहरण) ने कहा, "जब हमें ऑलराउंडर चाहिए जो तेज़ी से फॉर्मेट बदल सके, तो हम रागीव पंत या हार्दिक पांड्या को प्राथमिकता देते हैं।"

वहीं, क्रिकेट विश्लेषक विवेकी चक्रवर्ती ने कहा, "निशांत का बाय‑लेफ़्ट बैटिंग और बाउन्ड्री‑लाइन स्पिन दोनो ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपयोगी हो सकते हैं, पर अभी तक IPL में उनका प्रदर्शन नहीं दिखा है, इसलिए चयनकर्ताओं को संकोच है।"

वास्तव में, चेन्नई सुपर किंग्स ने 2023 के IPL में उन्हें ट्रांसफ़र सूची में रखा, पर उन्होंने एक भी मैच नहीं खेला। यह संकेत है कि ऊँचे स्तर पर संभावनाओं को पहचानते हुए भी लगातार मैदान में अवसर नहीं मिला।

अन्य उभरते सितारे और तुलना

बहुत से लोग तनुश कोटियन की कहानी को भी याद करते हैं, जिसने 2022 की सैद मुस्ताक अली ट्रॉफी फाइनल में छटा दिखाते हुए आख़िरी ओवर में छक्का मार कर जीत हासिल की। वह भी IPL में लगातार मौका नहीं पाई, फिर भी वह अभी‑ही के दशक में प्रमुख ऑलराउंडर बन चुका है।

इन दोनों की तुलना करते हुए, इतिहास में वी.वी.एस. लक्ष्मण और एम.वी. शिधर के नाम आते हैं, जिन्होंने घरेलू सफलता के बाद राष्ट्रीय टीम में जगह पाई। आज के चयनकर्ताओं के लिये प्रश्न यही बना है: "क्या पिछले दशकों की सफलता का प्रतिरूप अब भी लागू होता है?"

आगे की संभावना और संभावित कदम

निशांत के प्रतिनिधि ने कहा है कि वह आगामी भारत ए‑टूर एशिया में फ्रैंकली ट्रायल में हिस्सा लेने की उम्मीद कर रहे हैं। अगर वह वहां भी शॉट‑सिंगल दिखा पाते हैं, तो आसानी से राष्ट्रीय टीम के लिए एक मजबूत केस बन सकता है।

दूसरी ओर, कई विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि वह IPL में एक छोटे‑छोटे फ्रैंचाइज़ टीम के साथ लगातार खेलने के लिए तैयार रहें, ताकि बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा दिखा सकें। "बिना गेम टाइम के कोई भी खिलाड़ी अपना मुकाम नहीं बना सकता," यह बात करियर कोरियर को भी मानती है।

संक्षेप में, निशांत सिंधु का सफर सिर्फ एक व्यक्तिगत संघर्ष नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के चयन ढांचे में मौजूद अंतराल को भी उजागर करता है। यदि इस वर्ष वह अपने खेल को और निखार लेता है, तो शायद हमें जल्द ही टीम इंडिया की नई लाइन‑अप में उनका नाम देखना पड़ेगा।

अधिक पूछे जाने वाले सवाल

निशांत सिंधु कब तक टीम इंडिया के लिए अक्षर रहे हैं?

वर्तमान में selectors ने कोई स्पष्ट टाइम‑लाइन नहीं दी है, पर अगर वह इस साल के IPL या विदेश‑टूर में लगातार प्रदर्शन करता है, तो अगले 6‑12 महीने में वह कपड़े बदल सकते हैं।

रणजी ट्रॉफी में अन्य किन खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता पाई?

वी.वी.एस. लक्ष्मण, शिखर धवन, और मुऱली श्रीधर जैसे कई खिलाड़ी अपने घरेलू औसत से आगे बढ़ कर भारत के टेस्ट और वन‑डे स्क्वाड में जगह बना पाए।

क्या IPL में खेलने से चयन में फायदा मिलता है?

हाँ, IPL एक हाई‑इंटेंसिटी प्लेटफ़ॉर्म है जहाँ अंतरराष्ट्रीय स्टार्स के साथ खेलने से तकनीकी और मानसिक स्तर दोनों में सुधार होता है, जिससे selectors का भरोसा बढ़ता है।

निशांत के लिए सबसे बड़ा चुनौती क्या है?

मुख्य चुनौती लगातार बड़े मंच पर मौका न मिलना है; वह अपनी फिटनेस, फॉर्म और बॉलिंग व बैटिंग दोनों में स्थिरता लाकर इस गैप को पाट सकते हैं।

भविष्य में भारत की टीम में ऑलराउंडर की क्या भूमिका होगी?

तीन‑फ़ॉर्मेट क्रिकेट में ऑलराउंडर की जरूरत बढ़ती जा रही है। इसलिए selectors अब ऐसी प्रतिभाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं जो बैट और बॉल दोनों में निरंतर योगदान दे सकें।

12 टिप्पणि

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    Manish Mistry

    अक्तूबर 16, 2025 AT 20:00

    निशांत की आँकड़े प्रभावी हैं, पर चयनकों को केवल घरेलू सफलता पर भरोसा नहीं करना चाहिए। राष्ट्रीय स्तर की विविध परिस्थितियों में प्रदर्शन की स्थिरता अधिक महत्त्वपूर्ण है। इस कारण से उनकी अनुपस्थिति समझ में आती है।

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    Hemakul Pioneers

    अक्तूबर 16, 2025 AT 20:10

    राष्ट्र की चयन प्रक्रिया को केवल आँकड़ों तक सीमित करना एक जटिलता को नजरअंदाज करता है। खिलाड़ी की मानसिक दृढ़ता, विभिन्न पिचों पर अनुकूलता, और टीम की रणनीतिक जरूरतें भी महत्त्वपूर्ण पहलू हैं। इसलिए निशांत जैसी प्रतिभा के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण आवश्यक है।

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    Shivam Pandit

    अक्तूबर 16, 2025 AT 20:30

    निशांत का मंच पर प्रदर्शन कई पहलुओं से विश्लेषण योग्य है, पहला यह कि वह विभिन्न परिस्थितियों में लगातार विकेट लेता है, दूसरा यह कि उसकी बैटिंग टॉप ऑर्डर में भी प्रभावी हो सकती है, तीसरा यह कि वह स्पिन और तेज़ बॉल दोनों को समान रूप से संभालता है, चौथा यह कि उसका फ़ील्डिंग स्तर राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है, पाचवाँ यह कि वह टीम के भीतर सकारात्मक ऊर्जा लाता है, छठा यह कि युवा खिलाड़ियों के लिए उसका रोल मॉडल बनना संभव है, सातवाँ यह कि उसकी फिटनेस रिपोर्ट लगातार सुधारती रही है, आठवाँ यह कि वह दबाव में भी शांत रहता है, नौवाँ यह कि उसकी बॉलिंग स्ट्राइक रेट अच्छी है, दसवाँ यह कि उसका बैटिंग स्ट्राइक रेट भी औसत से ऊपर है, ग्यारहवाँ यह कि वह स्लो पिच और फ़्लैट पिच दोनों पर प्रभावी है, बारहवाँ यह कि उसने विभिन्न सिचुएशन में मैच‑विनर भी किया है, तेरहवाँ यह कि उसने टीम के साथ सामंजस्य बनाए रखा है, चौदहवाँ यह कि कोचों की रिपोर्ट में उसकी एजाइलिटी की प्रशंसा की गई है, पन्द्रहवाँ यह कि वह निरंतर सीखने के लिए खुला है, और अन्त में यह कि यदि उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर मौका मिले तो वह अपने आँकड़े को और ऊँचा कर सकता है।

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    parvez fmp

    अक्तूबर 16, 2025 AT 21:00

    यार, निशांत को देख तो बस “बेस्ट” कहने से काम नहीं चलेगा 😆, अब तक तो IPL में भी वह “शॅडो प्लेयर” ही रह गया 😂! अगर टीम को असली “गॉअट” चाहिए तो जल्दी से जल्दी इसे असली मैच में डालो, वरना फैंस कूदेंगे! 😜

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    s.v chauhan

    अक्तूबर 16, 2025 AT 21:40

    तुम्हारी इमोजी‑भरी टिप्पणी में थोड़ा हँसी तो है, पर असली मुद्दा यह है कि selectors को आँकड़ों की गहराई समझनी चाहिए, नहीं तो “हॉट‑डॉग” बना रहेंगे। निशांत की काबिलियत को सिर्फ़ “इमो” से नहीं तोलना चाहिए।

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    Thirupathi Reddy Ch

    अक्तूबर 16, 2025 AT 22:30

    क्या आप नहीं देखते कि इस पूरी प्रणाली में जासूसों और राजनेताओं का हाथ है? चयन प्रक्रिया में अंडर‑डर्लिंग और कनेक्शन की गुप्त खेल बार‑बार चलती रहती है, यही कारण है कि कई योग्य खिलाड़ी कभी मौका नहीं पाते।

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    Sonia Arora

    अक्तूबर 16, 2025 AT 23:30

    निशांत की कहानी भारतीय क्रिकेट की सांस्कृतिक धारा को दर्शाती है, जहाँ युवा प्रतिभाएँ अक्सर परम्परागत मानदंडों में फँस जाती हैं। वह न केवल आंकड़ों में बल्कि टीम के मनोबल में भी योगदान देता है। यदि चयनकर्ता इसकी सराहना करेंगे तो भविष्य की पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी।

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    abhinav gupta

    अक्तूबर 17, 2025 AT 00:40

    ओह, तुम सोचते हो कि केवल आँकड़े ही सबकुछ है? हाँ, पर अगर वह IPL में नहीं खेले तो कैसे तुलना करेंगे? यह एक हल्की‑सी चुटी-भरी बात है।

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    vinay viswkarma

    अक्तूबर 17, 2025 AT 02:00

    निशांत को मौका मिलना चाहिए, बस इतना ही।

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    sanjay sharma

    अक्तूबर 17, 2025 AT 03:20

    सेलेक्टर को चाहिए कि वह वर्तमान फॉर्म और टूर की विशिष्ट परिस्थितियों को ध्यान में रखें। निशांत की बॉलिंग स्पीड और बाय‑लेफ़्ट बैटिंग दोनों को परीक्षण करने के लिए एक डोमेस्टिक सीरीज़ आयोजित की जा सकती है। इससे चयन प्रक्रिया पारदर्शी होगी।

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    varun spike

    अक्तूबर 17, 2025 AT 05:00

    क्या इस सुझाव में कोई व्यावहारिक डेटा शामिल है; यदि हाँ, तो कृपया विस्तृत पहलुओं को साझा करें।

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    Chandan Pal

    अक्तूबर 17, 2025 AT 06:50

    वाह! यह विचार बहुत बढ़िया लगता है 🎉, उम्मीद है जल्दी ही हमें मैदान में निशांत के शानदार शॉट्स देखेंगे।

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