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जब बाबर आज़ाम, क्रिकेट कप्तान और पेशावर ज़लमी ने 30 अगस्त 2025 को शाम 8 बजे इमरान खान स्टेडियम, पेशावर में शौएब अख़्तर को हीटली चार्ड किया, तो ठंडी हवा में बाढ़ पीड़ितों के लिये उम्मीद की नई लहर उठी। यह एक चैरिटी प्रदर्शनी मैच था, जिसका मकसद काबू से बाहर बहते बारिश के कारण 12 लाख से अधिक विस्थापित लोगों को सहारा देना था।
पृष्ठभूमि और आयोजन का उद्देश्य
पहले से ही काबुल के बरसात के बाद के मैनदनों में जल स्तर आसमान छू रहा था। ख़ासकर क़ाबुल‑पाकिस्तान सीमा के पास, जहाँ 25 ग्राम से अधिक वर्षा दर्ज हुई, बाढ़ ने आर्टिक्यूलर परिस्थितियों को बिगाड़ दिया था। पाकिस्तान रेड क्रिसेंट सोसाइटी ने राहत कार्यों के लिये विशेष फंड की अपील की, और ज़लमी फ़ाउंडेशन ने तुरंत एक क्रिकेट इवेंट की योजना बनाई। इस मैच को ‘बाढ़ राहत प्रदर्शनी’ कहा गया, क्योंकि सभी टिकट बिक्री और विज्ञापन राजस्व सीधे रेड क्रिसेंट को जाते थे।
मैच की टीमों में, पेशावर ज़लमी की कप्तानी बाबर आज़ाम ने की, जबकि ‘Legends XI’ में जमा हुए थे शौएब अख़्तर, सईद अज्मल, युनीस ख़ान, वक़र युनीस, शहीद अफ़रीदी, अब्दूर रज़ाक और मोहम्मद हफ़ीज़ – सभी पाकिस्तान के पूर्व अंतरराष्ट्रीय सितारे। इस तरह का मिश्रण न सिर्फ खेल को मनोरंजक बनाता है, बल्कि उम्र‑भेद के साथ‑साथ अनुभव के संगम को दर्शाता है।
खेल का विवरण और मुख्य क्षण
ज़लमी ने टॉस जीत कर पहले बैटिंग करने का फैसला किया। टीम को 14.4 ओवर में 144 रन बनाकर समाप्त किया गया। बाबर आज़ाम ने 23 गेंदों में 41 रन बनाए, जिसमें 4 चौके और 1 हीरोइन 6 तक का शॉट था। उसकी स्ट्राइक‑रेट 178.26% थी, जो टुंगटुंग बहते बाढ़ के मुकाबले भी तेज़ थी।
खास तौर पर 12वें ओवर में, जब शौएब अख़्तर ने बॉल फेंकी, तो बाबर ने एक भयंकर छक्का मारते हुए गहरी स्क्वायर लेग पर बॉल को बाउंड्री तक भेज दिया। उसके बाद दो लगातार फ़ोर चलाने से शौएब की मूड तुरंत बदल गई। मानो वॉल्यूम क़ाबुल के जलस्तर की तरह अचानक घट गया।
शौएब ने दो ओवर में 35 रन दिए, पर कोई विकेट नहीं लिया। इसके बाद सईद अज्मल ने चौथे ओवर में बाबर को धक्का दिया, और वह 41 पर आउट हो गया। अज्मल ने अपनी चार ओवर में 2 विकेट लेकर 34 रन दिए, जबकि अब्दूर रज़ाक (3/18) और शहीद अफ़रीदी (3/10) ने सबसे असरदार बॉलिंग की।
मैच के दौरान ज़लमी और लैजेंड्स के बीच हल्के‑फुल्के मजाक‑मजाक भी हुए। शौएब ने बाबर को ‘अल्ट्रा‑एप्रोच’ की ‘मीठी‑गुठी’ कहा, जबकि बाबर ने उसका ‘नॉइज़‑मेकिंग’ साइड‑लाइन पर स्वीकार किया। यह संवाद पुराने और नए क्रिकेटरों के बीच सच्ची मित्रता को दर्शाता है।

प्रतिभागियों की प्रतिक्रियाएँ और सामाजिक प्रभाव
मैच खत्म होने के बाद, ज़लमी के संस्थापक जावेद अफ़रदी ने कहा, “हमारे लिए यह केवल क्रिकेट नहीं, बल्कि मानवीय फर्ज़ है। जितने राउंड हमने खेला, बाढ़ की राहत के लिये उतने ही धन इकट्ठा हुए।” उन्होंने अगले महीने के लिए भी ज़लमी फ़ाउंडेशन की नई पहल की घोषणा की, जिसमें ग्रामीण स्कूलों में बेसिक सुविधा प्रदान करने की योजना है।
एक स्थानीय दर्शक ने बताया, “इमरान खान स्टेडियम में भीड़ का माहौल ग़ज़ब का था, लेकिन दिल में तो बचपन की यादें फिर से जाग उठीं, जब हम शौएब के तेज़ बॉल देखते थे।” इस तरह के इवेंट से समुदाय में एकजुटता की भावना बढ़ी, और बाढ़‑पीड़ित इलाकों में दान‑राशि की तेज़ी से पहुँचाने की नींव रखी गई।
रिपोर्ट्स के अनुसार, ज़लमी ने इस मैच से 3.6 मिलियन रुपये सीधे रेड क्रिसेंट को ट्रांसफ़र किए। इनमें से आधे हिस्से को शरणार्थियों के लिये अस्थायी शिविर निर्माण में प्रयोग किया जाएगा, जबकि शेष को दवा‑सामान और खाद्य सामग्री खरीदने में लगाया जाएगा।
भविष्य की योजना और ज़लमी फ़ाउंडेशन की भूमिका
अपनी नियमित सामुदायिक कार्यवाही के हिस्से के रूप में, ज़लमी फ़ाउंडेशन ने पहले भी 2005 के कश्मीर भूकंप और 2010 के बाढ़ में मदद की थी। इस बार उनका लक्ष्य है कि अगले दो महीनों में 5 लाख लोगों तक अतिरिक्त भोजन सहायता पहुंचाए। साथ ही, वे युवा क्रिकेटरों के लिए स्कॉलरशिप कार्यक्रम भी शुरू करेंगे, जिससे अगली पीढ़ी को खेल और सामाजिक जिम्मेदारी दोनों का एहसास हो।
फुटबॉल और हॉकी जैसी अन्य खेलों के माध्यम से भी फ़ाउंडेशन फंड इकट्ठा करने की योजना बना रहा है, लेकिन क्रिकेट का ‘इमोशनल कनेक्शन’ हमेशा सबसे बड़ा रहेगा। जैसा कि मार्शल एंगेलो, एक सामाजिक विज्ञान विशेषज्ञ ने कहा, “खेल अब सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि आपदा‑प्रबंधन में एक प्रभावी टूल बन चुका है।”

व्यापक प्रभाव और विशेषज्ञ विश्लेषण
क्रिकेट विशेषज्ञ रवीश कृष्ण ने कहा, “बाबर आज़ाम की अटैकिंग पोजीशन और शौएब की लाइट बॉलिंग ने इस मैचक को अनोखा बना दिया। इतिहास में हमने कभी नहीं देखा कि एक आधी‑शताब्दी के दिग्गज और युवा सितारा एक ही ओवर में एक-दूसरे को दाग‑मार कर दिखाएँ।” उन्होंने यह भी जोड़ते हुए कहा कि इस तरह के इवेंट से सार्वजनिक चेतना में आपदा‑रिलेटेड जानकारी की पहुँच बढ़ती है।
सारांश में कहा जाए तो यह प्रदर्शनी मैच सिर्फ रन‑साइट नहीं, बल्कि क़ाबुल‑पाकिस्तान सीमा के बाढ़‑पीड़ितों के लिये एक नई आशा की किरण बन गया। ज़लमी, लेजेंड्स और सभी दर्शकों ने मिलकर दिखाया कि जब खेल को मानवीय लक्ष्य से जोड़ा जाए, तो उसका असर दिग्गज‑नवोदित दोनों के लिये प्रेरणादायक बन जाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इस मैच से बाढ़ राहत के लिये कितना धन इकट्ठा हुआ?
मैच से अनुमानित 3.6 मिलियन रुपये सीधे पाकिस्तान रेड क्रिसेंट सोसाइटी को दान किए गए, जिसमें आधे हिस्से को अस्थायी शरण कैंप बनाकर उपयोग किया जाएगा।
बाबर आज़ाम ने शौएब अख़्तर को कैसे चार्ड किया?
12वें ओवर में बाबर ने एक तेज़ छक्का मारा, उसके बाद दो लगातार फ़ोर मारे, जिससे शौएब के दो ओवर में 35 रन जमा हुए। यह क्षण वीडियो में वायरल हुआ और सोशल मीडिया पर खूब सराहा गया।
लेजेंड्स XI की टीम में कौन‑कौन शामिल थे?
लेजेंड्स XI में शौएब अख़्तर, सईद अज्मल, युनीस ख़ान, वक़र युनीस, शहीद अफ़रीदी, अब्दूर रज़ाक और मोहम्मद हफ़ीज़ सहित कई पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शामिल थे। सभी ने बाढ़ राहत के लिये भाग लिया।
ज़लमी फ़ाउंडेशन भविष्य में कौन‑से सामाजिक प्रोजेक्ट्स पर काम करेगा?
आगामी महीनों में फ़ाउंडेशन ने ग्रामीण स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का सुधार, युवा क्रिकेटर्स के लिये स्कॉलरशिप और अतिरिक्त 5 लाख लोगों तक भोजन सहायता पहुँचाने की योजना बनाई है।
s.v chauhan
अक्तूबर 12, 2025 AT 23:13बाबर आज़ाम की तेज़ी और शौएब की लाइट बॉल ने इस मैच को एक सामाजिक अभियान बना दिया। टीमवर्क की भावना यहाँ पर साफ़ दिखी, और दर्शकों ने भी इसे दिल से सराहा। बाढ़ पीड़ितों के लिए जुटाया गया फंड वास्तव में मददगार साबित होगा। मैं मानता हूँ कि ऐसी पहल से खेल और इंसानियत दोनों को फायदा होता है। आगे भी ऐसे इवेंट्स की उम्मीद रखता हूँ, चलो मिलकर काम करें।