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जब अक्षय शिवाल्कर, वित्तीय सामग्री विशेषज्ञ ने 7 अक्टूबर, 2025 को बुलियन बाजार की ताज़ा कीमतें जारी कीं, तो निवेशकों ने तुरंत ध्यान दिया। इस दिन सोने‑रजत दोनों की कीमतें क्रमशः ऊपर की दिशा में रही, और यह वृद्धि अधिकांश प्रमुख शहरों में समान रूप से दिखाई दी।
बाजार की वर्तमान स्थिति
सिद्धांत तो यही है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जहाँ टॉप्लिक लाइटनिंग की तरह रुझान बदलते हैं, घरेलू बुलियन कीमतें उसका दर्पण होती हैं। आज सुबह 9:42 एएम IST पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 24‑कैरट सोने की औसत कीमत 10 ग्राम पर ₹1.22 लाख से ऊपर थी। यही नहीं, सिल्वर की कीमत भी किलोग्राम पर ₹1,56,100 के स्तर पर कायम थी, जबकि चेन्नई में यह ₹1,67,100 तक पहुँच गई।
प्रमुख शहरों में कीमतें
देश के चार बड़े मेट्रो‑सिटी—दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई—में कीमतों में थोड़ा‑बहुत अंतर देखी गई।
- दिल्ली: 24K सोना ₹1,22,070 प्रति 10 ग्राम
- मुंबई: 24K सोना ₹1,22,020 प्रति 10 ग्राम
- कोलकाता: 24K सोना ₹1,22,020 प्रति 10 ग्राम
- चेन्नई: 24K सोना ₹1,22,180 प्रति 10 ग्राम (सबसे अधिक)
- अहमदाबाद: 24K सोना ₹1,22,070 के करीब
5paisa के आंकड़ों के अनुसार, 24K सोना प्रति ग्राम ₹12,202 के औसत पर ट्रेड हो रहा था, जिसमें चेन्नई ने ₹12,218 का थोड़ा ऊँचा दावा किया। 22K और 18K सोने की कीमतें क्रमशः ₹11,185 और ₹9,152 प्रति ग्राम रही।

मौसमी मांग और आर्थिक कारक
त्योहारी सीजन का आगमन होते ही बार-बार खिड़कियों पर सोने के झिलकते ज्वेलरी के विज्ञापन लगते हैं। यही कारण है कि इस महीने के मध्य में खरीदारों की भीड़ बढ़ जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बढ़ी हुई मांग के साथ-साथ भारतीय रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति में सतर्कता भी दर को ऊपर ले जा रही है।
कई अर्थशास्त्री इस बात पर ज़ोर देते हैं कि कमजोर रुपया, वैश्विक महंगाई के आँकड़े, और जोखिम‑भरे शेयर‑बाजार के माहौल ने निवेशकों को सोने की ओर आकर्षित किया है। इस प्रकार सोना अब केवल गहनों के लिए नहीं, बल्कि मुद्रास्फीति‑हैज और सुरक्षित आश्रय (सेफ‑हैवेन) के रूप में भी महत्व प्राप्त कर रहा है।
विशेषज्ञों की राय
मार्केट एनालिस्ट रवि चतुर्वेदी ने कहा, “अगले दो‑तीन हफ़्तों में यदि प्रत्याशित उत्सव‑समय की धूमधाम बनी रहती है, तो सोने की कीमतें 1.25 लाख तक पहुँच सकती हैं।” वहीँ वित्तीय विशेषज्ञ स्मृति मेहरा ने बताया कि सिल्वर की कीमतें भी “शॉर्ट‑टर्म में 5‑10 प्रतिशत तक ऊँची हो सकती हैं, बशर्ते अंतरराष्ट्रीय धातु‑बाजार में सप्लाई‑डिमांड अंतर बना रहे।”
अधिकतर रिटेलर बताते हैं कि वे “स्टॉक‑लेवल पर कोई बड़ा बदलाव नहीं देख रहे”, परंतु उन्होंने खुदरा बिक्री में “स्थिर वृद्धि” दर्ज की है। यही तथ्य इस बात की पुष्टि करता है कि मौसमी उत्साह ही मुख्य प्रेरक शक्ति है।

आगे की संभावनाएँ
भविष्य की ओर देखते हुए, बाजार सहभागियों ने तीन संभावनाओं को रेखांकित किया है:
- अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें और मुद्रास्फीति दोनों ही ऊपर की ओर बढ़ते रहें, तो सोने की कीमतें स्थिर‑उच्च स्तर पर कायम रह सकती हैं।
- यदि भारतीय रुपए में सुधराव आता है, तो सोने की कीमतें थोड़ी स्थिर हो सकती हैं, परन्तु सिल्वर की कीमतें अभी भी ऊपर की ओर रह सकती हैं।
- त्योहारी सीजन के अंत में मांग में गिरावट आएगी, जिससे कीमतें धीरे‑धीरे संतुलन तक पहुँचेंगी।
साथ ही, सोने‑रजत मूल्य अपडेट 7 अक्टूबर 2025भारत के अनुसार, अगले दो हफ़्तों में कीमतों में “बुलिश ट्रेंड” जारी रहने की संभावना है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इस कीमत वृद्धि से छोटे निवेशकों को क्या लाभ हो सकता है?
छोटे निवेशक अपने पोर्टफोलियो में सोना या सिल्वर को एक सुरक्षित विकल्प के रूप में जोड़ सकते हैं। इस तरह उनका जोखिम‑भरा शेयर‑बाजार एक्स्पोजर कम हो जाता है, जबकि महंगाई के खिलाफ बचाव मिलता है।
क्या रजत की कीमतें भी सोने जैसी ही रफ्तार पर बढ़ेंगी?
हां, सिल्वर की कीमतें भी अंतरराष्ट्रीय सप्लाई‑डिमांड असंतुलन के कारण ऊपर की ओर जा रही हैं। परंतु जलजाहि (डायनॅमिक) कारणों से सिल्वर की कीमतें सोने की तुलना में अधिक अस्थिर रह सकती हैं।
रिपोर्ट में दिखाई गई कीमतें कितनी भरोसेमंद हैं?
क़ीमतें प्रमुख ब्रोकर और बाजार डेटा प्लेटफ़ॉर्म जैसे 5paisa और स्थानीय रिटेल चैनलों द्वारा सत्यापित हैं। इस रिपोर्ट को वित्तीय सामग्री विशेषज्ञ अक्षय शिवाल्कर ने संकलित किया है, इसलिए इसे विश्वसनीय माना जा सकता है।
भविष्य में सोने की कीमतें किस स्तर पर पहुंच सकती हैं?
विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर त्योहारी मांग और मौद्रिक नीति दोनों ही प्रेरक बने रहे, तो 24‑कैरट सोना 1.25 लाख प्रति 10 ग्राम या उससे अधिक तक पहुँच सकता है।
क्या भारतीय रिज़र्व बैंक की नीति इस प्रवृत्ति को बदल सकती है?
अगर RBI ब्याज दरों में अचानक बढ़ोतरी करता है, तो रुपये की मजबूती और गिरते निवेश को इकट्ठा किया जा सकता है, जिससे सोने की मांग घट सकती है और कीमतें थोड़ा नीचे आ सकती हैं। वर्तमान में RBI ने सतर्कता बरती है, इसलिए मौजूदा ट्रेंड जारी रहने की उम्मीद है।