इज़राइल में अल्ट्रा-राष्ट्रवादी टीवी चैनल 14 की चमक
अल्ट्रा-राष्ट्रवादी टीवी चैनल 14, जिसे इज़राइल में एक नई धार के रूप में देखा जा रहा है, वर्तमान में देश का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला समाचार स्रोत बन गया है। हमेशा प्रभावशाली व्यक्तित्वों के समर्थन में आगे रहने वाले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का इस चैनल के पक्ष में खड़ा होना इसकी प्रसिद्धि का एक महत्वपूर्ण कारण है।
इस चैनल की विशेषता इसकी तीव्र राष्ट्रवादी और दक्षिणपंथी दृष्टिकोण में है, जो इज़राइल की बड़ी जनता के साथ गहरे तौर पर गूंजती है। इस दृष्टिकोण से संचालित होते हुए, चैनल 14 ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। चैनल की टीम का मानना है कि वे केवल वास्तविकताओं पर आधारित हैं और उनके आलोचक उन पर केवल राजनीतिक विचारधाराओं के कारण पक्षपातपूर्ण होने का आरोप लगाते हैं।
समाज में बढ़ती ध्रुवीयता
क्या यह महज एक समाचार चैनल है जो विवादास्पद मुद्दों पर केंद्रित है, या इसका समाज के ध्रुवीकरण के साथ सीधा संबंध है? यह सवाल अहम है, जो इज़राइल में समाजशास्त्रियों और मीडिया विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। आलोचकों का कहना है कि चैनल की सामग्री राजनीतिक मतभेदों को भड़काने में मदद कर रही है, जो देश में पहले से मौजूद जातीय और राजनीतिक खाइयों को और गहरा बना देती है।
नेतन्याहू की भूमिका और प्रभाव
इज़राइल के राजनीतिक क्षेत्र में पहले से ही ध्रुवीयतावादी विचारधाराएँ एक प्रमुख भूमिका निभाती हैं। नेतन्याहू का समर्थन चैनल को वैधता और बल को प्रदान करता है, ताकि वह अपने समर्थकों के बीच एक प्रामाणिक आवाज बन सके। इस प्रकार के समर्थन ने राजनीतिक ध्रुवीकरण को मजबूत किया है और समाज के बड़े विभाजनों को उभारा है।
इज़राइली मीडिया और सार्वजनिक बहस पर प्रभाव
चैनल 14 की बढ़ती लोकप्रियता ने इज़राइल में साझा सार्वजनिक बहसों के स्वर को बदल दिया है। इज़राइली समाज में अल्ट्रा-राष्ट्रवादी विचारधाराएँ और भी प्रमुख हो रही हैं और यह विवाद की एक नई धारा को जन्म दे रहा है।
समर्थकों के अनुसार, यह चैनल उन मुद्दों को उजागर कर रहा है जिन्हें मुख्यधारा के मीडिया में अनदेखा कर दिया जाता था। आलोचकों का दावा है कि यह धाराएँ इज़राइल की राजनीति और सामान्य सार्वजनिक जीवन में तीखे प्रहार कर सकती हैं।
भविष्य की दिशा
आगे बढ़ते हुए, प्रश्न यह है कि क्या चैनल 14 अपने प्रभाव को बनाए रख सकेगा और इसे किस प्रकार विरोधी विचारों से भरी राजनीति का सामना करना पड़ेगा। इज़राइल में मीडिया के माध्यम से विचारधारात्मक संघर्ष की यह गाथा न केवल चैनल 14 के लिए बल्कि देश की लोकतांत्रिक स्थिति और सामाजिक संरचना के लिए एक परीक्षा है। इसे कितने समर्थन मिलते हैं और कितने विरोध, यह आने वाले समय में सुस्पष्ट होगा।
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह चैनल इज़राइल की भविष्य की राजनीतिक गतिशीलता को प्रभावित करेगा या नहीं। इस सारे परिवेश में बड़ा सवाल यही है कि यह बदलाव किस हद तक इज़राइली समाज की राजनीति और सामूहिक विचारधारा को बदलेगा।
Puneet Khushwani
नवंबर 4, 2024 AT 03:38Shubh Sawant
नवंबर 5, 2024 AT 19:52Atul Panchal
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नवंबर 7, 2024 AT 19:37Santosh Hyalij
नवंबर 8, 2024 AT 06:56Sri Lakshmi Narasimha band
नवंबर 9, 2024 AT 18:58Nidhi Singh Chauhan
नवंबर 10, 2024 AT 16:59Patel Sonu
नवंबर 12, 2024 AT 13:25Sunil Mantri
नवंबर 14, 2024 AT 11:44