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भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता की संभावना
भारतीय शेयर बाजार 5 नवंबर को एक सतर्क नोट पर शुरू होने जा रहा है, एसजीएक्स निफ्टी के रुझानों के अनुसार। जहां बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 क्रमशः 60,431.84 और 17,956.60 पर कुछ ऊंचाई के साथ बंद हुए थे, वहीं आज के बाजार में कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कारकों के चलते उलझन देखने को मिल सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम वैश्विक बाजारों पर विशेष प्रभाव डाल सकते हैं। इससे पहले के दिन विदेशी संस्थागत निवेशकों ने ₹1,494.23 करोड़ के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने ₹1,155.47 करोड़ के शेयर बेचे। इस बदलाव के अवसर का भी ध्यान रखा जाएगा।
आरबीआई की मौद्रिक नीति का असर
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति अपनी फैसले की घोषणा करेगी जिसका बाजार पर विशेष प्रभाव होगा। ब्याज दर में बदलाव की संभावना की जाँच हो रही है, जो कि बाजार की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके अतिरिक्त, भारतीय रुपए की डॉलर के मुकाबले स्थिति बदलने की संभावना है क्योंकि डॉलर सूचकांक 93.92 पर पहुँच गया है, जिसमें 0.15% की वृद्धि हुई है।
वैसे तो भारतीय अर्थव्यवस्था भीतर का दृष्टिकोण वैश्विक बाजारों की अपेक्षा कुछ अलग होगा, लेकिन घरेलू बाजार के सबसे संभावित कारणों में मुख्य रूप से कई कंपनियों की Q2 रिपोर्ट शामिल होगी। भारती एयरटेल, डीएलएफ, और इंद्रप्रस्थ गैस जैसी कंपनियों की Q2 रिपोर्ट खास ध्यान आकर्षित कर सकती हैं। इनके नतीजे निवेशकों को बढ़िया संकेत दे सकते हैं कि बाजार की गति किस ओर होगी।
ट्रेडिंग और तेल की कीमतें
वहीं विश्लेषकों का मानना है कि तेल की कीमतें भी भविष्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। ब्रेंट कच्चे तेल के वायदा की 2.4% की वृद्धि ने बाजार को थोड़ा सोचने पर मजबूर किया है। यह वृद्धि $40.59 प्रति बैरल तक पहुँच गयी है, जो ऊर्जा सेक्टर में निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन सकती है।
अमेरिका में स्ट्रिम्यलस पैकेज तथा कोविड-19 वैक्सीन पर ध्यान
अंतरराष्ट्रीय समीकरणों में अमेरिकी सार्थक पैकेज और कोविड-19 वैक्सीन की प्रगति भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इन प्रश्नों का उत्तर मिलने पर बाजारों की दिशा स्पष्ट होगी। कोरोना महामारी ने विश्व की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाला है, और अमेरिका जैसे बड़े देशों में इसका समाधान मिलना बाकी है।
इसके अतिरिक्त, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ऋण स्थगन पर कोई निर्णय भी आस-पास की अवधि में अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है। इसके चलते निवेश से संबंधित प्रमुख बदलाव अपेक्षित हैं।
समग्रता के साथ, इन सारे कारकों को देखते हुए, भारतीय शेयर बाजार की चाल में अस्थिरता बनी रह सकती है। निवेशकों को चाहिए कि वो सभी संबंधित उपकारक पर बारीकी से नजर रखे और अपने निर्णय को सही समय पर ले।
SRI KANDI
नवंबर 6, 2024 AT 23:14Ananth SePi
नवंबर 7, 2024 AT 04:21Gayatri Ganoo
नवंबर 7, 2024 AT 07:39harshita sondhiya
नवंबर 8, 2024 AT 18:41Balakrishnan Parasuraman
नवंबर 9, 2024 AT 06:07Animesh Shukla
नवंबर 10, 2024 AT 00:24Abhrajit Bhattacharjee
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नवंबर 11, 2024 AT 05:30Manikandan Selvaraj
नवंबर 13, 2024 AT 01:22Naman Khaneja
नवंबर 13, 2024 AT 03:33Gaurav Verma
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