बहराइच हिंसा: कैसे एक दुर्गा विसर्जन समारोह भारी साम्प्रदायिक तनाव में बदल गया

उत्तर प्रदेश के बहराइच शहर में साम्प्रदायिक हिंसा की एक गंभीर घटना हुई जिसमें एक 22 वर्षीय युवक राम गोपाल मिश्रा की मृत्यु हो गई। यह घटना रविवार को एक दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई, जब दो समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया। अचानक हुई इस घटना ने शहर में व्यापक अस्थिरता पैदा कर दी, नागरिक अनिश्चितता और भय के वातावरण में जीने को मजबूर हो गए।

हिंसा के दौरान, गुस्साई भीड़ ने कई गाड़ियों और दुकानों में आग लगा दी, जिसमें लाखों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ। पुलिस ने माहौल को नियंत्रित करने की कोशिशें कीं लेकिन स्थिति बेहद तनावपूर्ण रही। संज्ञा गुप्त, गृह सचिव, और अमिताभ यश, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था), को तत्काल स्थिति को शांत करने के लिए भेजा गया। अमिताभ यश की एक तस्वीर तब वायरल हो गई जब वे हाथ में रिवाल्वर लेकर दंगाइयों का पीछा कर रहे थे।

इंटरनेट सेवाओं का निलंबन और प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया। इस कदम का उद्देश्य था गलत जानकारी और अफवाहों के प्रसार को रोकना, जो स्थिति को और भयानक बना सकती थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता से शांति बनाए रखने का आग्रह किया और अधिकारियों से दृढ़ता से निपटने का निर्देश दिया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि सभी धार्मिक संगठनों के साथ समन्वय से प्रतिमा विसर्जन शांति से सम्पन्न हो।

आरोपियों की गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई

इस बीच, पुलिस ने एक व्यक्ति जिसका नाम सलमान बताया गया है, को पूरी घटना के मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार कर लिया और लगभग 30 अन्य को हिरासत में लिया है। पुलिस सिलसिलेवार तरीके से हिंसा में शामिल लोगों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के प्रयास में है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने कहा, 'जिले में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।'

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

घटना की राजनीतिक हलकों में भी कड़ी प्रतिक्रिया हुई है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस घटना की भर्त्सना की। मौर्य ने कहा कि प्रदेश की शांति और सद्भावना को भंग करने की सभी कोशिशें नाकाम होंगी। प्रियंका गांधी ने प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाया और तुरंत कार्रवाई करने का आह्वान किया। भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

प्रभावित परिवार की मांग और शांति की अपील

राम गोपाल मिश्रा के परिवार ने दोषियों को फांसी देने और उनके घरों पर बुलडोज़र चलाने की मांग की है। मिश्रा की अंतिम विदाई प्रशासन द्वारा आश्वासन मिलने के बाद पूरी हुई। समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने इस घटना को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बताया और सभी से शांति बनाए रखने की अपील की।

अभी तक, प्रशासन और पुलिस का पूरा जोर स्थिति को स्थिर करने पर है। इस साम्प्रदायिक हिंसा ने एक बार फिर यह उजागर किया है कि कैसे धर्म के नाम पर फैलाई जाने वाली नफरत हालात को बेकाबू बना सकती है। ऐसे में समाज की जिम्मेदारी बनती है कि वो संयम बनाए रखे और तनाव को भड़कने से रोके।