अनुरा कुमारा डिसानायके: श्रीलंका की नई आशा

श्रीलंका के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया अध्याय तब खुला जब अनुरा कुमारा डिसानायके ने देश के राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभाला। डिसानायके के चुनाव ने श्रीलंका में एक प्रमुख राजनीतिक परिवर्तन को इंगित किया है। उनकी पार्टी, जनथा विमुक्ति पेरामुना (JVP), जो राष्ट्रीय जन शक्ति (NPP) के व्यापक गठबंधन के तहत आती है, ने यह उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। डिसानायके ने 42% जनसंपर्क के वोट हासिल करके अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सजित प्रेमदासा को पछाड़ा, जिन्हें केवल 23% वोट मिले।

अनुरा कुमारा डिसानायके का प्रारंभिक जीवन

अनुरा कुमारा डिसानायके का जन्म 24 नवंबर, 1968 को थाम्बुट्टेगामा, जो कोलंबो से लगभग 100 किलोमीटर दूर है, में हुआ। चार साल की उम्र में, डिसानायके केकिरावा चले आए और उनका नाम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वे अपने स्कूल से विश्वविद्यालय के लिए योग्यता प्राप्त करने वाले पहले छात्र थे। 1990 के दशक में उन्होंने जनथा विमुक्ति पेरामुना (JVP) के छात्र नेता के रूप में उभरना शुरू किया।

डिसानायके ने 1987 से 1989 के बीच तत्कालीन राष्ट्रपतियों जयवर्दने और आर प्रेमदासा की 'साम्राज्यवादी और पूंजीवादी' शासन के खिलाफ जेवीपी के सशस्त्र विद्रोह में भाग लिया। इसके बाद डिसानायके को सोशियलिस्ट यूथ ऑर्गनाइजेशन (जेवीपी की युवा शाखा) का राष्ट्रीय आयोजक नियुक्त किया गया।

राजनीतिक करियर

राजनीतिक करियर

डिसानायके ने 1998 तक जेवीपी के निर्णय-निर्माण निकाय, पोलितब्यूरो, में शामिल होकर अपनी स्थिति मजबूत की। करुनेगाला जिले से संसदीय चुनाव लड़कर और पुनः निर्वाचित होकर उन्होंने प्रसिद्धि हासिल की। उन्हें राष्ट्रपति चंद्रिका बंडारनायके कुमारतुंगे की सरकार में केबिनेट मंत्री बनाया गया।

जनथा विमुक्ति पेरामुना का नेतृत्व

जनवरी 2014 में, अनुरा कुमारा डिसानायके ने सोमावंसा अमरासिंहे की जगह जनथा विमुक्ति पेरामुना (JVP) का नेतृत्व संभाला। 2015 के आम चुनाव में, उन्होंने कोलंबो जिले से उम्मीदवार बन कर जीत हासिल की और संसद में अपना स्थान बनाया। उनकी कड़ी मेहनत और नेतृत्व की क्षमता ने उन्हें मुख्य विपक्षी व्हिप के रूप में सेवा देने के लिए प्रेरित किया।

2019 के राष्ट्रपति चुनाव में, डिसानायके ने चुनाव में भाग लिया, लेकिन केवल 3% वोट ही प्राप्त कर सके।

चुनाव जीत की रणनीति और वादे

अनुरा कुमारा डिसानायके की चुनाव जीत की रणनीति और उनके वादे ने जनता को प्रभावित किया। उन्होंने 'स्वच्छ' राजनीति और कड़े भ्रष्टाचार विरोधी उपायों का वादा किया। डिसानायके ने विनिर्माण, कृषि और आईटी क्षेत्रों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।

संयुक्त राष्ट्र के साथ हुए आर्थिक संकट को कम करने के समझौते को बनाए रखते हुए, डिसानायके ने देश की अधिकतम पीड़ित आबादी पर असर डालने वाले कटौतियों के प्रभाव को कम करने का वचन भी दिया।

श्रीलंका के राजनीतिक परिदृश्य पर प्रभाव

श्रीलंका के राजनीतिक परिदृश्य पर प्रभाव

डिसानायके की जीत ने श्रीलंका के राजनीतिक पटल पर एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया है। उनकी सफलता ने जनता में नई आशाएं जगा दी हैं और देश के भविष्य के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनी है।

डिसानायके की नीतियों और उनके वादों की परीक्षा अब समय ही बताएगा। श्रीलंका की जनता, जो अब तक की सरकारों से असंतुष्ट रही है, अब डिसानायके से नए संभावनाओं और सुधार की उम्मीद कर रही है।

इस प्रकार, अनुरा कुमारा डिसानायके का उदय और उनकी चुनावी जीत श्रीलंका के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।