विश्व पर्यावरण दिवस: एक महत्वपूर्ण दिन

हर साल 5 जून को मनाया जाने वाला विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। यह दिन पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान के लिए सस्टेनेबल प्रैक्टिसेस अपनाने, संसाधनों के संरक्षण और पारिस्थितिकीय बदलावों की वकालत में हमारी भूमिका का मजबूत संदेश देता है।

क्यों मनाया जाता है पर्यावरण दिवस

विश्व पर्यावरण दिवस 1972 में संयुक्त राष्ट्र के मानव पर्यावरण सम्मेलन के दौरान स्टॉकहोम, स्वीडन में स्थापित किया गया था। इसका पहला आधिकारिक आयोजन 1973 में हुआ। तब से, यह दिन पर्यावरणीय स्थिरता, जागरूकता और क्रियावली को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।

2024 की थीम: भूमि पुनर्स्थापना, मरुस्थलीकरण और सूखा प्रतिरोध

इस वर्ष का थीम 'भूमि पुनर्स्थापना, मरुस्थलीकरण और सूखा प्रतिरोध' है। यह थीम भूमि के बिगड़ने की स्थिति और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे को ध्यान में रखकर चुनी गई है।

पर्यावरणीय चुनौतियां और उनका प्रभाव

संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम सम्मेलन के अनुसार, दुनिया की 40 प्रतिशत भूमि खराब हो चुकी है। इसका प्रभाव विश्व की आधी आबादी पर पड़ रहा है। सूखे की संख्या और अवधि में 2000 से 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अगर मौजूदा स्थिति को नहीं सुधारा गया तो 2050 तक सूखा दुनिया की तीन-चौथाई आबादी को प्रभावित कर सकता है।

विश्व पर्यावरण दिवस का महत्व

यह दिन न केवल जागरुकता बढ़ाने का काम करता है, बल्कि लोगों को स्थिरता की दिशा में क्रियाशील करने का भी काम करता है। इस अवसर पर कई अभियानों, घटनाओं और पहलों के माध्यम से व्यक्तियों और समुदायों को एक स्थायी भविष्य के लिए बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया जाता है।

भविष्य के लिए हमारा कर्तव्य

पर्यावरण का संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है। भूमि पुनर्स्थापना और सूखा प्रतिरोध जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देकर हम अपनी धरती को बेहतर बना सकते हैं। इस विश्व पर्यावरण दिवस, आइए हम सभी एकजुट होकर अपने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हों।