भारत के रक्षा उत्पादन में एक बड़ा कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अक्टूबर 2024 को गुजरात के वडोदरा में टाटा-एयरबस सी295 विमान संयंत्र का उद्घाटन किया, जो भारत की पहली निजी सैन्य विमान निर्माण सुविधा है। इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे। समारोह में स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज पेरेज-कास्टेजोन ने भी भाग लिया, जिन्होनें इस परियोजना में हो रहे अंतरराष्ट्रीय सहयोग को दर्शाया। यह परियोजना टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) और एयरबस के बीच साझेदारी का परिणाम है।

मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत

यह पहल 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो भारतीय रक्षा उत्पादन को नया आयाम देगी। प्रधानमंत्री ने इस पर जोर दिया कि कैसे यह संयंत्र न केवल भारत की रक्षा क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर समग्र विनिर्माण क्षमता को भी बढ़ाएगा। इस दौरान उन्होंने इन परियोजनाओं की तेजी से हो रही प्रगति की तारीफ की, जो बिना किसी देरी के, आधारशिला रखे जाने से लेकर उत्पादन शुरू करने तक, महज़ दो वर्षों में ही साकार हुई।

विनिर्माण की दिशा में बड़ा कदम

यह संयंत्र भारतीय वायु सेना के लिए 56 सी295 विमानों का निर्माण करेगा। इनमें से 40 विमान भारत में बनेंगे, जबकि शेष 16 स्पेन से तैयार हालत में आएंगे। इस परियोजना ने पहले से ही 37 भारतीय आपूर्तिकर्ताओं को जोड़ा है और 21 विशेष प्रक्रियाओं को प्रमाणित किया है, जिससे भारत के अन्दर 13,000 पुर्जों का उत्पादन संभव हो सकेगा। इस पहल से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि भारतीय श्रमिकों में तकनीकी कौशल भी विकसित होंगे।

तकनीकी की दिशा में नई राह

२०१६ में 'मेक इन इंडिया' का पहला सी295 विमान रोलआउट होगा। इस परियोजना के तहत, सभी 40 विमान की डिलिवरी अगस्त 2031 तक पूरी करने की योजना है। यह परियोजना एयरबस के साथ भारत की 'अर्थानिर्भर भारत' की रक्षा निर्माण योजना का समर्थन करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है और वैश्विक एयरोस्पेस आपूर्ति श्रृंखला में भारत के बढ़ते महत्व का संकेत भी देती है।

भारतीय विमानन क्षेत्र में बदलाव

भारतीय विमानन क्षेत्र में बदलाव

टाटा-एयरबस की यह भागीदारी यह भी प्रदर्शित करती है कि कैसे तकनीकी ज्ञान और घरेलू औद्योगिक आधार का संयोजन भारत के विकास में सहायक हो सकता है। इस संयंत्र का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों को भारतीय कौशल के माध्यम से हासिल करना है, जो हमारे देश की औद्योगिक स्वायत्तता को मजबूत करेगा। इसके अलावा, भागीदारी का उद्देश्य विश्वस्तरीय विमान निर्माण प्रक्रिया को विकसित करना है, जो भारत को 'मेक इन इंडिया' के प्रयासों में मजबूती प्रदान करेगा।

टाटा-एयरबस सी295 परियोजना नए भारत के लिए अन्वेषण का एक नया युग खोलती है। यह न केवल एक सैनिक विमान संचालन है, बल्कि एक विश्वास का प्रतीक है कि भारत स्वतन्त्र और आत्मनिर्भर हो सकता है। यह परियोजना प्रमाणित करती है कि सही दृष्टि, प्रतिबद्धता और साझेदारी से भारत वैश्विक मानकों पर खुद को खरा उतार सकता है।