सोने-रजत की कीमतें बढ़ी, दिल्ली‑मुंबई में 24 कैरेट सोना 1.22 लाख प्रति 10 ग्राम
7 अक्टूबर को सोने‑रजत की कीमतें बढ़ी, दिल्ली‑मुंबई में 24K सोना 1.22 लाख प्रति 10 ग्राम, और बाजार में त्योहारी मांग व रूपी कमजोर होने का असर।
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जब त्योहारी मांग, उत्सव के दौरान वस्तुओं और सेवाओं की बढ़ी हुई आवश्यकता. Also known as त्योहारी खरीदी, it खुशियों के मौसम में खर्च को तेज करता है की बात आती है, तो दो और शब्द साथ सामने आते हैं – उपभोक्ता खर्च, त्योहारी अवधि में बढ़ता हुआ खर्च और रिटेल बिक्री, दुकानों और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर हुई तेज़ी। ये तीनों मिलकर बताते हैं कि कैसे त्योहारी मांग बाजार की धारा बदलती है।
पहला संबंध है – त्योहारी मांग ‘उपभोक्ता खर्च’ को बढ़ाती है। जब लोग Diwali, Eid, Christmas या regional त्योहारी क्षणों को मनाते हैं, तो वे नए कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक सामान और गिफ्ट्स पर ज्यादा पैसा खर्च करते हैं। दूसरा संबंध – ‘उपभोक्ता खर्च’ ‘रिटेल बिक्री’ को प्रभावित करता है। रिटेलर्स फिर इन मांगों के अनुसार स्टॉक बढ़ाते हैं, मूल्य रणनीतियों को बदलते हैं और विशेष ऑफ़र लगाते हैं। तीसरा संबंध – ‘रिटेल बिक्री’ सीधे ‘वित्तीय नीति’ से जुड़ी होती है, क्योंकि RBI की दर‑कटौती या टैक्स‑छूट जैसी पहलें खरीद शक्ति को और बढ़ा देती हैं।
पहला कारक है वित्तीय नीति, केंद्रीय बैंक की दर‑सुधार और कर छूट। RBI ने जब दर घटाई, तो लोन सस्ते हुए और लोग बड़े‑साइज़ के इलेक्ट्रॉनिक्स या कारों को भी आसानी से खरीद पाए। यही कारण था कि कई पोस्ट में "RBI की दर में कटौती" और "CBDT की टैक्स छूट" को थोक मांग के साथ जोड़ा गया।
दूसरा कारक है उत्सव प्रचार, ब्रांडेड विज्ञापन और सोशल मीडिया कैंपेन। OTT प्लेटफ़ॉर्म जैसे Amazon Prime या BookMyShow पर नई फ़िल्मों और सीरीज़ की रिलीज़, जैसे "Mission Impossible" या "Jurassic World", तुरंत दर्शकों को खरीदारी की लहर में बदल देती है। इस तरह फिल्म‑संबंधी प्रमोशन भी त्योहारी मांग को बूस्ट कर रहा है।
तीसरा कारक है खेल‑इवेंट्स, क्रिकेट, टेनिस और कबड्डी लीग जैसी प्रतियोगिताएँ। जब राजस्थानी क्रिकेट या कबड्डी लीग की हाई‑टेंशन मैच होते हैं, तो दिग्गज खिलाड़ी का जर्सी या टीम की मर्चेंडाइज़ की बिक्री तेज़ी से बढ़ती है। पोस्ट में "राशिद ख़ान" की स्पिन चयन चर्चा और "नोवाक जोकोविच" की जीत ने इस ट्रेंड को स्पष्ट किया।
अंत में, सामाजिक‑सांस्कृतिक बदलाव भी भूमिका निभाते हैं। युवा वर्ग अब फेस्टिवल शॉपिंग को अनुभव के साथ जोड़ता है – जैसे ‘वायरल फैशन’ की बात Kalyani Priyadarshan के आउटफ़िट की। इस तरह का स्टाइल‑इन्फ्लुएंस ‘त्योहारी मांग’ को नयी दिशा देता है, जहाँ फ़ैशन, टेक और एंटरटेनमेंट एक साथ मिलते हैं।
इन सभी पहलुओं को देखते हुए, हमारे नीचे दी गई लेख‑सूची में आप देखेंगे कि कैसे RBI की नीतियों से लेकर सुपर‑हीरो फ़िल्मों तक, सब कुछ त्योहारी मांग को आकार देता है। चाहे आप रिटेलर्स, निवेशकों या सिर्फ उत्सव‑प्रेमी हों, इस संग्रह में हर पोस्ट आपके लिए उपयोगी सीख और ताज़ा डेटा लाएगा। अब नीचे स्क्रॉल करके देखें कि कौन‑से समाचार आपके त्योहार को और रोमांचक बना सकते हैं।
7 अक्टूबर को सोने‑रजत की कीमतें बढ़ी, दिल्ली‑मुंबई में 24K सोना 1.22 लाख प्रति 10 ग्राम, और बाजार में त्योहारी मांग व रूपी कमजोर होने का असर।