सोने-रजत की कीमतें बढ़ी, दिल्ली‑मुंबई में 24 कैरेट सोना 1.22 लाख प्रति 10 ग्राम
7 अक्टूबर को सोने‑रजत की कीमतें बढ़ी, दिल्ली‑मुंबई में 24K सोना 1.22 लाख प्रति 10 ग्राम, और बाजार में त्योहारी मांग व रूपी कमजोर होने का असर।
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जब बात भारतीय रिज़र्व बैंक, देश का केंद्रीय बैंक है जो मौद्रिक नीति, दर‑निर्धारण और वित्तीय स्थिरता संभालता है, RBI की होती है, तो हर आर्थिक खबर इसका असर बताती है। आज के दौर में मौद्रिक नीति, आर्थिक वृद्धि और महँगी नियंत्रण के लिए RBI द्वारा निर्धारित दिशा‑निर्देश और ब्याज दर, विचलन (रेपो) दर और बाजार‑दर को तय करने वाला प्रमुख औज़ार आपस में जुड़े हुए हैं। RBI की दर‑कटौती, नई नीतियों या रिज़र्व आवश्यकताओं में बदलाव सीधे बैंक‑फेंसिंग, उपभोक्ता ऋण और स्टॉक मार्केट की दिशा बदलते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक मौद्रिक नीति का कर्ता है, जिससे यह वित्तीय स्थिरता को संभालता है। यह नीति इनफ़्लेशन को नियंत्रित करती है और आर्थिक विकास को संतुलित रखती है। जब RBI रेपो दर में कमी करता है, तो ब्याज दर घटती है, जिससे कंपनियों को कर्ज़ लेना सस्ता हो जाता है और उपभोक्ता खर्च बढ़ता है। दूसरी ओर, यदि दरें बढ़ती हैं, तो उधार महँगा हो जाता है, जिससे महँगी सँभालने की कोशिश की जाती है। इस तरह मौद्रिक नीति, दर‑निर्धारण और आर्थिक प्रदर्शन के बीच सीधा संबंध बनता है।
RBI सिर्फ दर‑निर्धारण तक सीमित नहीं है; यह बैंकिंग नियम, वित्तीय संस्थाओं के संचालन, पूंजी पर्याप्तता और जोखिम प्रबंधन को नियंत्रित करने वाले मानक भी बनाता है। ये नियम वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा और भरोसे को बनाये रखते हैं। साथ ही, विदेशी मुद्रा बाजार में RBI की हस्तक्षेप विनिमय दर, भारतीय रुपये की विश्व मुद्रा के मुकाबले मूल्य को प्रभावित करती है को स्थिर रखती है, जिससे आयात‑निर्यात व्यापार पर असर पड़ता है। इन सभी कारकों का मिलजुला असर भारतीय अर्थव्यवस्था के हर हिस्से में दिखता है—किसानों के ऋण से लेकर शहरी उपभोक्ताओं की बचत तक।
नीचे आप देखेंगे कि हाल ही में RBI ने किन‑किन प्रमुख कदमों से बाजार को दिशा दी है, जैसे तरलता बढ़ाने के लिए खुला बाजार ऑपरेशन, पुन:संपर्क में बदलाव, और नई डिजिटल भुगतान पहलें। इन लेखों में हम न सिर्फ निर्णय की वजहें समझेंगे बल्कि यह भी देखेंगे कि भविष्य में किस दिशा में परिवर्तन की संभावना है। अब सूची में नीचे दी गई ख़बरों और विश्लेषण को पढ़ें, ताकि आप आर्थिक परिवर्तन की लहर के साथ कदम मिला सकें।
7 अक्टूबर को सोने‑रजत की कीमतें बढ़ी, दिल्ली‑मुंबई में 24K सोना 1.22 लाख प्रति 10 ग्राम, और बाजार में त्योहारी मांग व रूपी कमजोर होने का असर।