17वीं किस्त: समझें क्या है और क्यों जरूरी है?
जब आप लोन या कर्ज़ लेते हैं तो हर महीने एक समान रकम – EMI (इक्वेटेड मॉंथली इन्स्टॉलमेंट) चुकाते होते हैं। अक्सर हम पहले 10‑15 किस्तों पर ध्यान देते हैं, लेकिन असल में 17वीं किस्त भी उतनी ही मायने रखती है। यह वो महीना होता है जब कई लोग अपनी वित्तीय योजना को फिर से देखना शुरू करते हैं – चाहे वह घर की क़िस्त हो या कार का लोन। अगर इस क़िस्त पर आप देर कर देते हैं, तो न सिर्फ पेनल्टी लगती है बल्कि अगले महीनों में भी तनाव बढ़ जाता है। इसलिए 17वीं किस्त को सही टाइम पर चुकाना आपके बजट को स्थिर रखता है और बकाया कम करता है।
कैसे तैयार रहें 17वीं किस्त के लिए?
पहला कदम है अपनी EMI शेड्यूल को नोटबुक या फोन में सहेज लेना। कई बैंक मोबाइल ऐप्स में रिमाइंडर सेट कर सकते हैं, जिससे आप कब और कितना दे रहे हैं, यह साफ़ दिखता है। दूसरा, अगर आपके पास अतिरिक्त बचत है तो 17वीं किस्त से पहले थोड़ा प्री‑पेमेंट करके बकाया कम कर सकते हैं – इससे ब्याज की लागत घटती है। तीसरा, बजट में छोटे बदलाव करें जैसे बाहर खाने को कम करना या कुछ गैरज़रूरी सब्सक्रिप्शन बंद करना; ये फंड सीधे EMI के लिए रख दें। इस तरह आप बिना तनाव के 17वीं किस्त आसानी से दे पाएँगे।
इस हफ़्ते की प्रमुख वित्तीय ख़बरें (17वीं किस्त टैग)
बाजार में हाल ही में कुछ अहम बदलाव हुए हैं जो आपकी क़िस्त पर असर डाल सकते हैं। बजाज फाइनेंस के शेयर 4.72% गिर गए क्योंकि कंपनी के एएमएलए और एनपीए बढ़े, जिससे लोन क्वालिटी पर सवाल उठे। अगर आप बजाज से लोन लेकर EMI दे रहे हैं तो इस खबर को ध्यान में रखें – डिफॉल्ट जोखिम बढ़ सकता है, इसलिए अतिरिक्त सुरक्षा के लिए प्री‑पेमेंट या इमरजेंसी फंड बनाना समझदारी होगी।
कैल्यन ज्वेलर्स ने तिमाही में 49% मुनाफा कमाया, पर शेयर की कीमत अचानक 10% गिर गई। इसका मतलब है कि कंपनी का वित्तीय स्वास्थ्य अच्छा लग सकता है, लेकिन मार्केट में अस्थिरता भी रह सकती है। यदि आप इस कंपनी के शेयर या डिविडेंड आधारित लोन ले रहे हैं तो जोखिम को समझकर ही आगे बढ़ें।
इसी तरह, भारत में कई लोग अभी अपने गृह ऋण की 17वीं किस्त पर फोकस कर रहे हैं क्योंकि RBI ने हालिया दरों में बदलाव किया है। ब्याज दर कम होने से EMI थोड़ा घटेगा, लेकिन साथ ही बाजार में अस्थिरता बनी रहती है। इसलिए हर महीने के खर्च को ट्रैक करना और जरूरी होने पर रिफाइनेंस विकल्प देखना फायदेमंद रहेगा।
अंत में, यदि आप 17वीं किस्त की तैयारी में हैं तो एक छोटा चेकलिस्ट बनायें: (1) EMI शेड्यूल देखें, (2) प्री‑पेमेंट की संभावना जाँचें, (3) बजट में छोटे कटौती करके फंड सुरक्षित रखें, (4) बाजार की नई खबरों पर नजर रखेँ। इन कदमों से आप न सिर्फ अपनी किस्त समय पर देंगे बल्कि भविष्य में भी वित्तीय स्थिरता बनाए रख पाएँगे।