सीबीएसई कक्षा 10 इंग्लिश परीक्षा: संतुलन और चुनौतियाँ

सीबीएसई कक्षा 10 इंग्लिश परीक्षा 15 फरवरी 2025 को आयोजित हुई और इसने छात्रों और शिक्षकों का ध्यान आकर्षित किया। इसके संरचना को व्यापक रूप से संतुलित माना गया, लेकिन परीक्षा में त्रुटियां और अस्पष्ट शब्दों की मौजूदगी ने इसे चुनौतीपूर्ण बना दिया।

प्रतिमा झा, जो सिल्वरलाइन प्रेस्टिज स्कूल, गाजियाबाद में अंग्रेज़ी की एचओडी हैं, ने परीक्षा को समझने और स्मरण शक्ति पर आधारित प्रश्नों का मिश्रण बताया। परीक्षा के प्रमुख खंड थे- रीडिंग स्किल्स (20 अंक), लेखन स्किल्स और ग्रामर (20 अंक), और साहित्य में भाषा (40 अंक)।

जहां पढ़ने की समझ के प्रश्न सरल समझे गए, वहीं कुछ ग्रामर और साहित्य से जुड़े प्रश्नों ने छात्रों को उलझा दिया। मुंबई पब्लिक स्कूल की छात्रा भार्गवी सतम ने कहा कि परीक्षा अपेक्षा से सरल थी, हालांकि कुछ छात्रों ने पाठ्यक्रम से बाहर एक वैकल्पिक प्रश्न की शिकायत की।

सीबीएसई ने पुष्टि की कि 2025 की परीक्षाओं के लिए किसी प्रकार की पाठ्यक्रम कटौती नहीं की जाएगी, जिसे 24.12 लाख छात्रों द्वारा दिया गया था। इस दौरान मूल्यांकन प्रणाली में कोई परिवर्तन नहीं किया गया, जिसमें 91-100 अंकों के लिए A1 ग्रेड दिया जाता था।

परीक्षा की संरचना और सुरक्षा में सख्ती

परीक्षा की संरचना और सुरक्षा में सख्ती

शिक्षकों ने परीक्षा पत्र की संरचना में समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया, जैसे दोहराव और अस्पष्ट शब्द, और अच्छे पेपर निरीक्षण की जरूरत पर जोर दिया। परीक्षा सुचारू रूप से संपन्न हुई, और दिल्ली मेट्रो ने छात्रों की सुविधा के लिए विशेष प्रावधान बनाए।

यह परीक्षा शिक्षा प्रणाली की दिशा में मायने रखने वाला एक महत्वपूर्ण प्रयास था, जिसमें सरलीकरण और विश्वास निर्माण की उम्मीद की जा रही है।

8 टिप्पणि

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    Gaurav Verma

    फ़रवरी 16, 2025 AT 08:03
    ये पेपर तो बस एक बड़ा धोखा था। ग्रामर के सवाल ऐसे थे जैसे किसी ने हिंदी में अंग्रेजी ग्रामर पढ़ाया हो।
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    Fatima Al-habibi

    फ़रवरी 17, 2025 AT 10:30
    मुझे लगता है कि सीबीएसई के पास इतना समय है, तो एक अच्छा प्रूफरीडिंग टीम क्यों नहीं है? अस्पष्टता नियमित रूप से दोहराई जा रही है।
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    Nisha gupta

    फ़रवरी 18, 2025 AT 11:15
    परीक्षा का उद्देश्य ज्ञान का मूल्यांकन करना है, न कि छात्रों को शब्दों के भ्रम में फंसाना। यह एक संस्थान की जिम्मेदारी है कि वह उन्हें अस्पष्टता के बजाय स्पष्टता प्रदान करे।
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    Roshni Angom

    फ़रवरी 19, 2025 AT 07:27
    मुझे लगता है कि बच्चे तो बस अपना बेस्ट दे रहे थे... और हम उन्हें इतना भी नहीं दे पाए कि वो बिना डर के लिख सकें... ये पेपर तो बस एक बड़ा असफलता का संकेत है... बस...
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    vicky palani

    फ़रवरी 20, 2025 AT 11:31
    ये सब बहाने हैं। अगर बच्चे अंग्रेजी नहीं आती तो उन्हें गाँव में रहना चाहिए। ये पेपर बिल्कुल सही था। बस बच्चे कमजोर हैं।
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    jijo joseph

    फ़रवरी 21, 2025 AT 18:39
    सीबीएसई के पास एक स्ट्रक्चरल फ्रेमवर्क है जिसमें कॉग्निटिव डिमेंशन्स को ऑप्टिमाइज़ किया गया है, लेकिन ऑपरेशनल एक्यूरेसी की कमी ने इसकी वैलिडिटी को प्रभावित किया है।
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    Manvika Gupta

    फ़रवरी 22, 2025 AT 18:31
    मैंने तो बस लिख दिया और चली गई बस
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    leo kaesar

    फ़रवरी 23, 2025 AT 22:48
    पेपर में गलतियाँ? तुम सब बस बहाने बना रहे हो। मैंने 98% लगाया और बिल्कुल सही पेपर था। जो नहीं पार कर पाया वो तैयार नहीं था।

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