मनु भाकर का शानदार प्रदर्शन

पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई करना किसी भी खिलाड़ी के लिए गर्व की बात होती है, और इस बार इन गौरव की माला को पहनने का सौभाग्य मनु भाकर को मिला है। भारतीय शूटर मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल क्वालिफिकेशन राउंड में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए कुल 584 अंक अर्जित किए। इस प्रदर्शन के साथ उन्होंने फाइनल मुकाबले में अपनी जगह पक्की कर ली है।

क्वालिफिकेशन दौर में प्रत्येक शूटर को छह राउंड में दस-दस शॉट्स देने होते हैं। भाकर के स्थिर और सावधानीपूर्वक निशाने के कारण उन्होंने इतने अच्छे अंक प्राप्त किए। वहीं, भारतीय शूटर रिदम सांगवान को 575 अंको के साथ संतोष करना पड़ा और वे फाइनल में स्थान नहीं बना सकीं।

भारतीय शूटिंग में नया मील का पत्थर

मनु भाकर का यह प्रदर्शन भारतीय शूटिंग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय शूटिंग ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी प्रगति की है। भाकर के इस प्रदर्शन ने भारतीय शूटिंग टीम के हौंसले को और भी बढ़ा दिया है।

इस उपलब्धि ने भारत की उम्मीदों को भी बढ़ा दिया है कि वे इस बार ओलंपिक में शूटिंग में एक और पदक हासिल कर सकते हैं। मनु भाकर का यह क्वालिफिकेशन दौर न केवल उनकी मेहनत और समर्पण को दिखाता है बल्कि भारतीय शूटिंग के बढ़ते तेवर को भी उजागर करता है।

फाइनल में चुनौती होगी कठिन

अब जब उन्होंने फाइनल की दौड़ में प्रवेश कर लिया है, तो मनु भाकर के सामने चुनौती और भी कठिन हो जाएगी। फाइनल मुकाबले में दुनिया के शीर्ष शूटरों के साथ मुकाबला करना होगा। भाकर के पास अब अपने अनुभव और कौशल का पूरा उपयोग करने का मौका है।

फाइनल मुकाबला आज ही बाद में संपन्न होगा और सभी भारतीयों की निगाहें मनु भाकर पर टिकी होंगी। उनकी इस उपलब्धि ने भारत के विदेशी खेलों में प्रदर्शन को लेकर एक नई उम्मीद जगाई है।

पिछले प्रदर्शन और आगामी संभावनाएं

मनु भाकर पूर्व में भी अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जानी जाती रही हैं। उन्होंने अपने करियर में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं। उनका अनुशासन और अध्ययनशीलता उनके खेल में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

मनु की सफलता का श्रेय उनकी कड़ी मेहनत, अनुशासन, और परिवार तथा कोच के समर्थन को दिया जा सकता है। उनके इस क्वालिफिकेशन ने यह साबित कर दिया है कि अगर इंसान कड़ी मेहनत और लगन से कुछ करना चाहें, तो कोई भी बाधा उसके सामने टिक नहीं सकती।

अब देखना होगा कि वे फाइनल में किस तरह का प्रदर्शन करती हैं। फाइनल की तैयारी और मनोबल दोनों ही उनके जीत की कुंजी साबित हो सकते हैं। उनके इस सफर में भारतीय खेल प्रेमी पूरी तरह उनके साथ हैं, और सभी को उनसे बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद है।

आने वाले दिनों में मनु भाकर का भविष्य

आने वाले दिनों में मनु भाकर का भविष्य

अंतरराष्ट्रीय खेलों में मनु भाकर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभर कर आई हैं। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके करियर को एक नई ऊंचाई दी है, बल्कि भारतीय खेलों के क्षेत्र में भी एक नया अध्याय जोड़ा है।

भविष्य में मनु भाकर से और भी बढ़िया प्रदर्शन की उम्मीद है और वह भारतीय युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गई हैं। उनके इस सफर में बाधाएं जरूर हैं, लेकिन उनकी मेहनत उसे पार करने के लिए पर्याप्त लगती है।

आने वाले दिनों में उनकी सफलता देश के लाखों युवाओं को खेल के प्रति प्रेरित करेगी और इस दिशा में भारतीय खेल के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान देगी।

मनु भाकर के इस शानदार प्रदर्शन के बाद अब सभी की निगाहें पेरिस ओलंपिक 2024 के फाइनल मुकाबले पर हैं। हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं और उनके द्वारा देश के लिए और भी अधिक सम्मान और गौरव लाने की उम्मीद रखते हैं।

16 टिप्पणि

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    Shubh Sawant

    जुलाई 29, 2024 AT 09:18

    भारत की गर्व की बात है ये मनु भाकर! अब तक का सबसे बड़ा शूटर निकली है ये लड़की। दुनिया के सामने हमारी ताकत दिखा दी! जय हिंद! 🇮🇳

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    Patel Sonu

    जुलाई 31, 2024 AT 03:10

    अरे यार ये फाइनल में टारगेट हिट करना है ना बस फॉर्म में रहना है और नर्वस न होना वो बात है जो चेंज कर देगी

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    Puneet Khushwani

    अगस्त 1, 2024 AT 18:20

    फाइनल में जाना कोई बड़ी बात नहीं अब देखना है कि कितना पॉइंट लाती है

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    Adarsh Kumar

    अगस्त 2, 2024 AT 20:13

    क्या ये सब वेस्टर्न प्रॉपैगेंडा है? अमेरिका और यूरोप ने शूटिंग को फेक इवेंट बना दिया है ताकि हमारे खिलाड़ियों को असली टेस्ट न मिले। भारत के शूटर्स को बाहर भेजकर फेक रिकॉर्ड बनाए जा रहे हैं। असली चैलेंज तो घर पर है।

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    Santosh Hyalij

    अगस्त 3, 2024 AT 13:32

    क्वालीफाई करना तो बस शुरुआत है। असली टेस्ट फाइनल में है। और ये जो बहुत सारे बहुत बढ़िया बोल रहे हैं वो सब फ्लैश इन द डार्क हैं।

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    Sri Lakshmi Narasimha band

    अगस्त 4, 2024 AT 01:35

    मनु भाकर का शॉट लगता है जैसे बर्फ पर बूंद गिरी हो... स्मूथ... परफेक्ट... 🤯💯

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    Sunil Mantri

    अगस्त 4, 2024 AT 23:55

    ये लड़की किस देश की है? भारत की तो नहीं लगती... अच्छा तो भारतीय है ठीक है फिर भी ये बात क्या है

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    Nidhi Singh Chauhan

    अगस्त 5, 2024 AT 21:15

    हमारे शूटर्स को हमेशा बाहर भेजा जाता है ताकि वो विदेशी टेक्नोलॉजी और फेक रिकॉर्ड्स बना सकें... ये सब एक बड़ा स्कैम है

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    Anjali Akolkar

    अगस्त 7, 2024 AT 06:40

    मनु भाकर का ये प्रदर्शन बहुत अच्छा है... बहुत बधाई 😊 उम्मीद है फाइनल में भी ऐसा ही करेंगी

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    sagar patare

    अगस्त 7, 2024 AT 09:55

    तुम लोग इतना उत्साह क्यों दिखा रहे हो? ये तो बस एक एयर पिस्टल है... खेल नहीं बस एक गोली चलाना है

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    srinivas Muchkoor

    अगस्त 7, 2024 AT 14:01

    फाइनल में जाने का मतलब जीतना नहीं होता... अगर तुम्हारे लिए ये बड़ी बात है तो तुम्हारा दिमाग ठीक है?

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    Shivakumar Lakshminarayana

    अगस्त 8, 2024 AT 14:17

    ये फाइनल भी फेक है... वो जिन्होंने ओलंपिक में जीता है वो सब अमेरिका के गुलाम हैं... हमारे खिलाड़ी तो बस डेकोरेशन हैं

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    Parmar Nilesh

    अगस्त 8, 2024 AT 15:23

    मनु भाकर ने न सिर्फ एक शॉट चलाया... बल्कि भारत के इतिहास को रीडाइवर कर दिया! ये लड़की एक एक्सपोज़र है... एक ब्रिलियंट एक्सपोज़र!

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    Arman Ebrahimpour

    अगस्त 8, 2024 AT 16:39

    क्या तुम्हें पता है इसके पीछे वो गुप्त स्पोर्ट्स स्कूल है जहां बच्चों को दवाओं से तैयार किया जाता है? ये जीत नहीं बल्कि एक बड़ा ब्लैक मार्केट है

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    SRI KANDI

    अगस्त 8, 2024 AT 17:59

    मनु भाकर बहुत अच्छी लग रही हैं... उनका शांत अंदाज़ बहुत पसंद आया 😊

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    Ananth SePi

    अगस्त 10, 2024 AT 04:21

    देखो ये बात है कि भारतीय शूटिंग ने अब तक जिस तरह से अपने राष्ट्रीय अहंकार को एक नए आयाम में ले जाया है वो तो एक ऐसा सांस्कृतिक विस्फोट है जिसका तुलना केवल तमिलनाडु के तिरुवनंतपुरम के गोल्फ़ कोर्ट और बंगाल के शूटिंग क्लब के साथ ही किया जा सकता है जहां बच्चे तीन साल की उम्र से ही लक्ष्य पर नजर डालने का अभ्यास करते हैं और उनके पिता रात को खुद शूटिंग के लिए बनाए गए नकली लक्ष्यों को देखते हैं जो वास्तविक ओलंपिक लक्ष्यों से दो गुना छोटे होते हैं और उनके निशाने की गहराई बार-बार बदली जाती है ताकि वो अंतरराष्ट्रीय बैरल बैंक के नियमों के खिलाफ न जाएं और ये सब तभी संभव है जब एक देश के लोग अपने खेल को अपने रक्त और आत्मा के साथ जोड़ दें

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