UGC-NET परीक्षा 2024 रद्द होने के बाद विपक्ष की प्रतिक्रिया

UGC-NET 2024 को रद्द करने के फैसले के बाद शिक्षा क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने इस परीक्षा को इस आधार पर रद्द कर दिया कि परीक्षा की सत्यता से समझौता किया गया है। इस निर्णय के कुछ ही घंटों बाद, विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया और NEET-UG 2024 को भी रद्द करने की मांग की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कांग्रेस का सवाल

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए UGC-NET परीक्षा के रद्द होने को छात्रों की जीत और मोदी सरकार की हार बताया। खड़गे ने पूछा कि सरकार आखिर कब NEET के मुद्दे पर चर्चा करेगी। उन्होंने बिहार, गुजरात और हरियाणा में शिक्षा माफियाओं की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए कहां कि यह एक बड़ा घोटाला है जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में है।

अन्य विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएं

खड़गे के साथ ही, कांग्रेसी नेता कार्ति चिदंबरम और प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी NEET-UG 2024 की रद्दीकरण की मांग उठाई। आम आदमी पार्टी ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि सरकार की अक्षमता के कारण परीक्षाओं में धांधली और पेपर लीक हो रहे हैं।

NTA का फैसला और सरकार की प्रतिक्रिया

NTA ने 18 जून 2024 को UGC-NET परीक्षा आयोजित की थी। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरों की विश्लेषण इकाई से मिले इनपुट के आधार पर परीक्षा की सत्यता पर सवाल उठाए गए, जिसके चलते शिक्षा मंत्रालय ने इस परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया। इस मुद्दे की गहन जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को जिम्मेदारी सौंप दी गई है।

परीक्षाओं की धांधली का व्यापक दायरा

शिक्षा क्षेत्र में परीक्षाओं की धांधली कोई नई बात नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में, कई राज्यों से परीक्षा में धांधली और पेपर लीक की घटनाएं सामने आई हैं। इससे न केवल छात्रों का भविष्य धुंधला हो जाता है, बल्कि समग्र शिक्षा प्रणाली पर भी सवाल उठते हैं। बिहार, गुजरात और हरियाणा में शिक्षा माफियाओं की गिरफ्तारी ने इस समस्या की गहनता को उजागर किया है।

CBI की जांच जारी

CBI ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और उम्मीद जताई जा रही है कि दोषियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। सरकार ने यह भी कहा है कि नई तारीख पर UGC-NET परीक्षा फिर से आयोजित की जाएगी, जिसमें सभी सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखा जाएगा।

छात्रों की चिंताएं और उम्मीदें

इस पूरे मामले में सबसे अधिक प्रभावित छात्र हैं। परीक्षाओं की तैयारी में उनका समय और मेहनत लगती है और इस तरह की घांधली का सामने आना उनके लिए निराशाजनक होता है। छात्रों को उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस समस्या का समाधान निकालेगी और उनकी मेहनत व्यर्थ न जाएगी।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

शिक्षा क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता स्पष्ट है। परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए मानक और प्रौद्योगिकी का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी तरह, राजनीतिज्ञों का जिम्मा भी है कि वे शिक्षा के महत्व को समझें और इसे राजनीतिक मुद्दा न बनाएं। NEET-UG 2024 को रद्द करने की मांग और UGC-NET परीक्षा 2024 का रद्दीकरण भविष्य की परीक्षाओं की सत्यता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम हो सकता है।