सित॰, 26 2025
- 0
ध्रुव जुरेल – अंतरराष्ट्रीय अनुभव का आधार
पिछले दो टेस्ट श्रृंखलाओं में ध्रुव जुरेल ने भारत के प्राथमिक विकेटकीपर की भूमिका को संभाला है। वेस्टइंडीज़ टूर में उनके हाथों की पकड़, तेज़ी और विकेटस्ट्राइकिंग की सटीकता ने टीम प्रबंधन का भरोसा जीत लिया। पैंट की चोट के बाद पकड़ में आए अंतर को उन्होंने निरंतर प्रदर्शन से भर दिया।
उनकी बैटिंग भी नज़रअन्दाज़ नहीं की जा सकती। टेस्ट में उनका औसत 30‑35 के आसपास रहा है, जो एक बैटिंग‑उन्मुख विकेटकीपर के लिये काफ़ी भरोसेमंद मानता है। ओवल के सामने अब सवाल यह है कि क्या उनकी अंतरराष्ट्रीय “विकास यात्रा” नई चुनौतियों को झेल पायेगी या घर के मैदान में चमकते जघदेसन को मौका मिलेगा।

नरयन जघदेसन – घरेलू मंच पर रिकॉर्ड‑ब्रेकर
नरयन जघदेसन का नाम पहली बार टेस्ट में सुनने को मिला जब वे पैंट की जगह ओवल टेस्ट के लिये टीम में शामिल हुए। यह चयन कई लोगों को चौंका गया क्योंकि उन्होंने कई स्थापित नामों को पीछे धकेल दिया। उनके आँकड़े बताते हैं कि वे क्यों इस स्तर पर पहुँचे हैं:
- पहले‑श्रेणी में 54 मैच, 3,686 रन, औसत 50.49, 11 शतक और 16 अर्धशतक
- रंजि ट्रॉफी 2024‑25 में 8 मैच, 674 रन, औसत 56.16, दो शतक और पाँच अर्धशतक
- लिस्ट‑ए में 64 मैच, 2,728 रन, औसत 46.23, सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर 277
- टी‑20 में 66 मैच, 1,475 रन, 10 अर्धशतक
- डिफ़ेंडिंग स्ट्राइक‑रेट: घरेलू कोर्ट में 209 कैच और 29 स्टम्पिंग
ड्यूलिप ट्रॉफी में उनके दोनिशक इनिंग (197 और 52*) और ऑस्ट्रेलिया ए के पहले अनौपचारिक टेस्ट में 64 रन ने उनके केस को और मजबूत किया। इन आँकड़ों को देखते हुए चयनकर्ता अब एक कठिन निर्णय की स्थिति में हैं – अंतरराष्ट्रीय काबिलियत बनाम घरेलू फ़ॉर्म।
विकेटकीपर चयन की यह दुविधा सिर्फ दो खिलाड़ियों तक सीमित नहीं है। इशान किशन को प्रमुख चयनकर्ता अजित अग्रकर ने फिट नहीं माना, और उन्हें घरेलू में वापस उतरना पड़ेगा। वहीं संजू समरन की हालिया लाल बॉल भागीदारी कम है, जिससे उनका नाम भी इस दौर में नहीं आया। इस कारण दो युवा हाथों – जुरेल और जघदेसन – के बीच मुकाबला अधिक तीव्र हो गया है।
ओवल पर रेनबो सेंट्रल के मैदान में कौन सी रणनीति अपनाई जायेगी, यह टीम के बड़े लक्ष्य पर निर्भर करता है। यदि भारत को स्थिरता और अनुभव की जरूरत है, तो जुरेल का नाम फिर से सामने आ सकता है। परन्तु अगर टीम को बैटिंग‑गहराई के साथ एक नया ऊर्जा स्रोत चाहिए, तो जघदेसन की घरेलू शैली और बैटिंग‑हिटिंग का मिश्रण अधिक आकर्षक लग सकता है।
अंत में यह कहा जा सकता है कि चयन प्रोसेस में केवल आँकड़े नहीं, बल्कि मानसिक ताकत, टीम की गतिशीलता और भविष्य के लम्बे‑अवधि के प्लान भी अहम हैं। इस टेस्ट सीरीज़ में कौन सी योजना चलेगी, इसका असर न सिर्फ इस मैच पर, बल्कि भारत के बाद के टेस्ट सफर पर भी पड़ेगा।