मैच का हाल: वसीम–अलीशान की जोड़ी, सिद्दीकी की धार और ओमान की चूक

किसी टीम का बिना खेले अगले दौर में पहुँचना मज़ेदार भी है और सटीक भी। अबू धाबी के शेख ज़ायेद स्टेडियम में 15 सितंबर 2025 को हुए ग्रुप A के मैच ने यही करवट ली—UAE ने ओमान को 42 रन से हराया और भारत का सुपर फोर टिकट पक्का हो गया।

टॉस के बाद UAE ने पहले बल्लेबाजी की और 20 ओवर में मजबूत 172/5 बनाए। शुरुआत कप्तान मुहम्मद वसीम ने तय की—बिना जल्दबाज़ी, लेकिन इरादे साफ़—69 रन की ठोस पारी। दूसरे छोर पर अलीशान शरीफू का भरोसेमंद साथ मिला, जिन्होंने 51 रन की फिफ्टी जमाई। ओपनिंग स्टैंड ने पिच की 'धीमी लेकिन खेलने लायक' प्रकृति को भांपा और शॉट सेलेक्शन पर टिके रहे।

पावरप्ले में UAE ने जोखिम सीमित रखा। शॉर्ट-ऑफ-लेंथ पर स्क्वेयर और कवर पॉइंट के बीच गैप खोजे, जबकि फुल लेंथ पर स्ट्रेट ड्राइव से बाउंड्री निकली। मध्य ओवरों में वसीम ने स्पिन के खिलाफ पैरों का इस्तेमाल किया—लंबे शॉट कम, गेप्स में टर्न स्ट्राइक ज़्यादा।

इसी सेटअप का असर हुआ कि 12वें से 16वें ओवर के बीच रनों की रफ्तार बिना बड़े खतरे के बढ़ती गई। हर्शित कोशिक को ऊपर भेजना साहसी कॉल था और काम आया—19 रन की तेज़ पारी ने डेथ ओवरों से पहले मोमेंटम UAE के पाले में कर दिया।

नीचे से मुहम्मद साहे ने अहम साझेदारी (49 रन) जोड़कर स्कोर 170 के पार धकेल दिया। यह वह फिनिश था जिसने ओमान की चेज़ को शुरू होने से पहले ही भारी कर दिया—क्योंकि लक्ष्य 8.65 की रनरेट पर था और अबू धाबी की बड़ी बाउंड्री पर इसका पीछा आसान नहीं होता।

ओमान की गेंदबाज़ी में योजना स्पष्ट दिखी—गति बदलें, ऑफ-स्टंप के बाहर चौड़ा एंगल बनाएं, और हिट-मी गेंदें कम रखें। लेकिन पावरप्ले में लाइन-लेंथ ढीली रही। मिडल ओवरों में फील्ड सेटअप अच्छी थी, पर फुल टॉस और शॉर्ट गेंदों की कीमत चुकानी पड़ी। डेथ में यॉर्कर मिस हुए तो UAE ने सिंगल-डबल के साथ बाउंड्री जोड़कर स्कोर सुरक्षित रेंज में पहुंचा दिया।

लक्ष्य का पीछा करते हुए ओमान की शुरुआत दबाव में रही। सर्कल के भीतर UAE ने तीखी फील्डिंग की—अंदर के एंगल पर कट और डैब रोकने से स्ट्राइक रोटेशन घटा। जब स्ट्राइक नहीं घूमती, बड़े शॉट मजबूरी बनते हैं, और वहीं से विकेटों का सिलसिला शुरू हुआ।

18.4 ओवर में पूरी टीम 130 पर सिमट गई। जेनुइद सिद्दीकी UAE के स्टार रहे—चार विकेट और उससे भी ज्यादा काबिल-ए-तारीफ लेंथ कंट्रोल। उन्होंने नई गेंद पर बैक-ऑफ़-लेंथ और हार्ड लेंथ का मिश्रण रखा, और पुराने गेंद से क्रॉस-सीम व स्लोअर-वन से टेंपो तोड़ा।

सिर्फ सिद्दीकी ही नहीं, दूसरे छोर से भी UAE ने टाइट चैनल बनाए रखा। स्पिन ने स्टंप-टू-स्टंप गेंदबाज़ी की, जिससे बैटर्स को लॉन्ग-ऑन और डीप मिडविकेट के ऊपर रिस्क लेना पड़ा। दो कैच बाउंड्री एज पर साफ़ लपके गए—इंटेंसिटी बनी रही और ओमान साझेदारी गढ़ नहीं सका।

अबू धाबी की सतह पर जैसे-जैसे खेल बढ़ा, बॉल पकड़ने लगी। देर से आने वाले शॉट्स में टाइमिंग गुम हुई और नीचे का हिस्सा लगने से बाउंड्री कम निकली। UAE ने इसका फायदा उठाया—मिडल-ओवरों में इन-आउट फील्ड और डेथ में थर्ड-मैन/फाइन-लेग को स्क्वेयर कराते हुए रन चोक किए।

तकनीकी तौर पर यह जीत टेम्पलेट क्रिकेट का बढ़िया उदाहरण थी—पावरप्ले में बेस बनाओ, मिड ओवर में जोखिम-मुक्त एक्सेलेरेशन, डेथ में लक्षित आक्रमण; फिर गेंदबाज़ी में हिट-लेंथ और विविधता से पीछा कठिन बनाओ। UAE ने चारों खानों में टिक लगाया।

कप्तान मुहम्मद वसीम की भूमिका सिर्फ बैट से नहीं, कप्तानी से भी दिखी—वर्कहॉर्स ओवर सही समय पर, और फील्डिंग पोज़िशनिंग में बैटर-विशेष के खिलाफ माइक्रो-एडजस्टमेंट। अलीशान शरीफू की यह टूर्नामेंट में चार मैचों में दूसरी फिफ्टी है—यह आंकड़ा बताता है कि टॉप ऑर्डर में स्थिरता मिल रही है, जो टी20 में सबसे कीमती मुद्रा है।

ओमान ने इस निर्णायक मैच के लिए प्लेइंग इलेवन में तीन बदलाव किए, पर प्रभाव वही रहा—पावरप्ले में नियंत्रण नहीं, और मिड ओवर में स्ट्राइक रोटेशन पर पकड़ ढीली। जब 10-14 ओवर के बीच रन नहीं मिलते तो डेथ फेज में दबाव दोगुना होकर आता है, ठीक वही हुआ।

फिर भी ओमान के लिए सीख साफ़ है—योजनाएं बुरी नहीं थीं, निष्पादन बिखरा। अगली बार इस तरह की सतह पर बैटिंग ऑर्डर में एक एंकर और एक फ्री-फ्लोइंग हिटर की जोड़ी अनिवार्य होगी, वरना 160+ के लक्ष्य पीछा करते समय खेल जल्दी हाथ से फिसलेगा।

ग्रुप A का समीकरण और आगे की तस्वीर

ग्रुप A का समीकरण और आगे की तस्वीर

इस नतीजे का सबसे बड़ा असर तालिका पर पड़ा—भारत का सुपर फोर में स्थान कन्फर्म हो गया और ओमान की विदाई। यानी ग्रुप A का दूसरा टिकट अब सीधे-सीधे पाकिस्तान बनाम UAE के बीच तय होगा। जो जीतेगा, वह अगले राउंड में।

टी20 फॉर्मेट में ग्रुप से सुपर फोर और फिर फाइनल—यह सीधी, लेकिन सख्त राह है। पॉइंट्स बराबर होने पर नेट रन रेट तस्वीर बदल सकता है, इसलिए पाकिस्तान और UAE दोनों इस मैच में सिर्फ जीत नहीं, नियंत्रित प्रदर्शन भी चाहेंगे—खासकर पावरप्ले और डेथ ओवर्स में।

भारत के लिए यह राहत भरा मोड़ है—टीम बिना अतिरिक्त दबाव के अगले चरण की योजना बना सकती है। पिच-प्रोफाइल, संयोजन, और भूमिकाओं पर टीम मैनेजमेंट ज्यादा साफ़ सोच के साथ आगे बढ़ेगा। अब नज़र इस बात पर होगी कि ग्रुप B से कौन से दो दावेदार सुपर फोर में जुड़ते हैं और राउंड-रॉबिन में किस क्रम से मुकाबले बनते हैं।

पाकिस्तान बनाम UAE की टक्कर अपने आप में हाई-स्टेक्स है। UAE के पास गति बदलने वाले पेसर्स और फुर्तीली फील्डिंग है; पाकिस्तान के पास नई गेंद से स्ट्राइक और मिडल-ओवर कंट्रोल की परंपरा। मैच-अप यहीं बनता है—वसीम-शरीफू की ओपनिंग बनाम पाकिस्तान की नई गेंद, और पाकिस्तान की टॉप-ऑर्डर एप्रोच बनाम जेनुइद सिद्दीकी की लेंथ।

अबू धाबी की बड़ी बाउंड्री और दो-गति पिच दोनों टीमों की रणनीति तय करेंगी। बीच के ओवरों में 7-8 रन प्रति ओवर की टिकाऊ दर और 16वें के बाद लक्षित मार—यह विजयी टेम्पलेट हो सकता है। विकेट हाथ में रखकर डेथ तक पहुँचना, इस मैदान का गोल्डन रूल है।

UAE के लिए सकारात्मक संकेत बहुत हैं—कप्तान फॉर्म में, टॉप ऑर्डर सेट, और गेंदबाज़ी में स्किल-सेट विविध। पाकिस्तान के सामने चुनौती यह होगी कि शुरुआती झटके न लगें और स्पिन के सामने स्ट्राइक रोटेशन बना रहे, नहीं तो दबाव डेथ में महंगा पड़ेगा।

भारत की क्वालिफिकेशन इस वजह से हुई कि अंकतालिका के मौजूदा समीकरण में UAE की जीत ने प्रतिद्वंद्वियों की संभावनाएं सीमित कर दीं। ऐसे परिदृश्य टूर्नामेंट की खूबसूरती हैं—एक मैच कई टीमों की चाल बदल देता है। फैंस के लिए यह सप्ताह सुपर फोर से पहले का परफेक्ट बिल्ड-अप है।

ओमान की यात्रा खत्म हुई, लेकिन उनके लिए टैक्टिकल रिव्यू के कई पॉइंट्स हैं—पावरप्ले बॉलिंग की स्थिरता, मिडल-ओवर स्ट्राइक रोटेशन, और डेथ बॉलिंग एक्यूरेसी। अगले चक्र में इन्हीं तीन धुरी पर सुधार तय करेगा कि वे 160+ का पीछा कैसे करते हैं या विरोधी को 150 से नीचे कैसे रोकते हैं।

शेख ज़ायेद स्टेडियम का असर भी समझना होगा—दिन-रात की परिस्थितियों में रोशनी के बाद अक्सर गेंद ग्रिप करती दिखती है। ऐसे में बैटर्स को स्लॉग की बजाय गेप-बेस्ड प्ले पर टिकना पड़ता है और गेंदबाज़ों को स्किल-आधारित बदलाव पर। UAE ने ठीक यही किया और अंक तालिका में ज़रूरी पुश ले गए।

टूर्नामेंट की तस्वीर अब साफ़ है—भारत सुपर फोर में, ओमान बाहर, और एक स्लॉट के लिए पाकिस्तान बनाम UAE की भिड़ंत तय। इस एक मैच पर कई कहानी-रेखाएं टिक गई हैं—मोमेंटम, संयोजन, और दबाव में निष्पादन। जो टीम इन तीनों में आगे निकलेगी, उसका नाम अगले दौर में लिखा जाएगा।

  • UAE 172/5—वसीम 69, अलीशान 51; डेथ में तेज़ फिनिश
  • ओमान 130 ऑल आउट—जेनुइद सिद्दीकी 4 विकेट, लगातार दबाव
  • भारत सुपर फोर में क्वालिफाई—ओमान बाहर
  • अगला निर्णायक: पाकिस्तान बनाम UAE—विजेता को सुपर फोर का टिकट

Asia Cup 2025 के इस मोड़ पर छोटे-छोटे फैसले नतीजा बदल रहे हैं—और यही टी20 की सबसे बड़ी खूबी है। एक साझेदारी, एक स्पेल, या एक ओवर… और पूरी तालिका की दिशा बदल जाती है।

13 टिप्पणि

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    Raj Entertainment

    सितंबर 22, 2025 AT 07:24
    वसीम ने जो शॉट्स खेले वो बिल्कुल क्लासिक टी20 बैटिंग थी। बिना जल्दबाज़ी के रन बनाना और डेथ ओवर्स में फिनिश करना-ये दोनों चीज़ें आजकल कम हो रही हैं। अलीशान भी बहुत शांत रहा, ऐसे बल्लेबाज़ टीम के लिए बहुत कीमती होते हैं।

    ओमान की बॉलिंग तो बिल्कुल बेकार रही। पावरप्ले में लाइन नहीं बनाई, फिर भी डेथ में यॉर्कर नहीं डाला। ये गलतियाँ बड़ी टीमों के सामने तो बर्बादी कर देती हैं, लेकिन यहाँ तो छोटी टीम भी इतनी गलती कर दी।
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    Manikandan Selvaraj

    सितंबर 22, 2025 AT 16:59
    ये सब तो बस लिखने का नाटक है भाई साहब जी वसीम की बल्लेबाजी को देखो तो बस एक बार फिर लगता है कि ये आदमी टीम का दिल है और ओमान वाले तो बस खेलने आए थे नहीं जीतने आए थे और सिद्दीकी ने जो किया वो बस एक बार फिर दिखाया कि टी20 में एक अच्छा स्पिनर कितना कर सकता है
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    Naman Khaneja

    सितंबर 23, 2025 AT 11:46
    वाह बहुत बढ़िया मैच था 😍 वसीम और अलीशान ने दिखा दिया कि टीमवर्क से क्या हो सकता है। सिद्दीकी के चार विकेट तो बस जबरदस्त थे 🙌 ओमान के लिए बहुत दुख हुआ पर अगली बार जरूर बेहतर करेंगे 💪 भारत को बधाई 🇮🇳
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    Gaurav Verma

    सितंबर 23, 2025 AT 12:56
    ये सब फेक है। ये मैच तय हो चुका था। ये रिपोर्ट्स सब बनाई गईं ताकि भारत को सुपर फोर में पहुँचाया जा सके। ओमान के खिलाफ 42 रन का जीतना कैसे संभव है? इसके पीछे कोई बड़ा खेल है।
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    Fatima Al-habibi

    सितंबर 24, 2025 AT 23:55
    The match was technically well-documented, though the narrative leans heavily into hero-worship of UAE’s captain. One wonders whether the same level of analytical depth would be applied to a South African or Australian team. The structural bias in coverage is subtle but present.
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    Nisha gupta

    सितंबर 26, 2025 AT 01:17
    इस मैच में जो बैटिंग और बॉलिंग की रणनीति दिखी, वो आज के टी20 क्रिकेट का सबसे सही उदाहरण है। बिना बड़े शॉट्स के, बिना जल्दबाज़ी के, बस स्थिरता और नियंत्रण से। ओमान को बस इतना सीखना चाहिए कि टी20 में रन बनाने के लिए बल्लेबाज़ को एक अंदाज़ चाहिए, न कि दो-तीन फ्लैशी शॉट्स।
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    Roshni Angom

    सितंबर 27, 2025 AT 00:08
    वाह ये तो बहुत अच्छा लगा... वसीम ने जो खेला वो बिल्कुल बहुत अच्छा था... और अलीशान भी... और सिद्दीकी ने जो किया वो तो बस... वाह... मुझे लगता है कि ये मैच बहुत खास था... और ओमान के लिए भी बहुत सीख हुई... अगली बार जरूर बेहतर करेंगे... भारत को बहुत बधाई... ❤️
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    vicky palani

    सितंबर 27, 2025 AT 02:43
    सिद्दीकी के चार विकेट तो बस नाटक हैं। ओमान के बैटर्स ने बिना किसी दबाव के बल्ला घुमाया। ये टीम तो बस खेलने आई थी। अबू धाबी की पिच पर ये सब बहुत आसान था। वसीम का 69? बस एक शांत बल्लेबाज़ी। कोई रिस्क नहीं, कोई जोश नहीं। ये टीम जीती नहीं, बस ओमान ने खो दिया।
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    jijo joseph

    सितंबर 28, 2025 AT 20:04
    The differential in powerplay execution between UAE and Oman was statistically significant (p < 0.01). UAE’s gap-based strike rotation in overs 5–12 yielded a 1.8 RPO advantage over Oman’s linear approach. The death over efficiency metric (RPO 12.4 vs 8.1) confirms the tactical superiority. Fielding intensity index also showed a 32% higher catch conversion rate for UAE. This wasn’t luck-it was execution.
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    Manvika Gupta

    सितंबर 29, 2025 AT 15:11
    मुझे तो लगता है कि ये सब बहुत ज्यादा ज्यादा हो गया... मैंने बस एक बार देखा था... और फिर बहुत बहुत बोर हो गया... अब बस भारत का मैच देखना है... बाकी सब बेकार है...
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    leo kaesar

    सितंबर 30, 2025 AT 16:18
    वसीम ने 69 बनाए? ये तो बस एक फैक्ट है। असली बात ये है कि ओमान के बॉलर्स ने एक भी यॉर्कर नहीं डाला। ये नहीं जानते कि टी20 में बॉलिंग क्या होती है। और फिर भी उन्हें खेलने का मौका दिया गया? ये टूर्नामेंट बेकार है।
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    Ajay Chauhan

    अक्तूबर 2, 2025 AT 09:45
    इतना लंबा लेख? बस एक लाइन में बता देता-UAE ने ओमान को हराया। बाकी सब बस लिखने का नाटक है। इतने शब्दों में बताया कि कैसे बल्लेबाज़ ने बल्ला घुमाया? बस इतना ही था। अब भारत का मैच देखो।
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    Taran Arora

    अक्तूबर 3, 2025 AT 00:32
    ये मैच भारत के लिए बहुत अच्छा था, लेकिन इससे ज्यादा अच्छा बात ये है कि एशिया में छोटी टीमें भी अब इतनी अच्छी खेल रही हैं। UAE की ये जीत हमारे लिए एक नया आदर्श है-बिना बड़े नामों के, बिना बड़े बजट के, बस टीमवर्क और तकनीक से। ये ही तो खेल की असली जीत है।

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