CBI ने अरविंद केजरीवाल को ठहराया एक्साइज पॉलिसी घोटाले का सूत्रधार

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक्साइज पॉलिसी घोटाले का 'सूत्रधार' बताया है। एजेंसी ने इस मामले में उनके खिलाफ अंतिम चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। CBI के अनुसार, केजरीवाल ने कोविड-19 महामारी के दौरान एक ही दिन में एक्साइज पॉलिसी पर हस्ताक्षर किए और अपने सहयोगियों से भी उस पर हस्ताक्षर करवाए।

CBI ने उच्च न्यायालय को दी जानकारी

उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान CBI ने बताया कि आईएएस अधिकारी सी. अरविंद ने बयान दिया है कि उस वक्त विजय नायर पॉलिसी की कॉपी कंप्यूटर में एंटर करने लाए थे और केजरीवाल वहां मौजूद थे। इस दौरान CBI ने यह भी कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी थी।

जमानत याचिका पर उच्च न्यायालय का फैसला सुरक्षित

जमानत याचिका पर उच्च न्यायालय का फैसला सुरक्षित

दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले में केजरीवाल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है और 29 जुलाई को नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई की तिथि तय की है। केजरीवाल के वकील ने दलील दी कि CBI 4 जून के बाद से कोई नया सबूत प्रस्तुत नहीं कर पाई है जो इस जांच या गिरफ्तारी को जायज ठहराए। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत प्रदान की थी।

CBI द्वारा की गई गिरफ्तारी

CBI ने केजरीवाल को 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वो पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में न्यायिक हिरासत में थे। उनकी न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक थी। इस घोटाले के आरोप में ED ने भी एक मामला दर्ज किया है।

जांच में सामने आए कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

CBI के अनुसार, एक्साइज पॉलिसी में भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए कई बाधाएं उत्पन्न की गई और इसे केजरीवाल की सहमती से लागू किया गया। जांच एजेंसी का दावा है कि, इस घोटाले के तहत बड़ी मात्रा में अवैध धन का लेन-देन हुआ है, जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुँचा। एजेंसी का कहना है कि कोविड-19 महामारी का फायदा उठाकर इस पॉलिसी को जल्दबाजी में लागू किया गया। यह घोटाला एक प्रमुख वित्तीय अनियमितता के रूप में उभर कर सामने आया है।

वकीलों की दलीलें और बचाव

केजरीवाल के वकीलों का कहना है कि CBI के पास उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई मजबूत सबूत नहीं है। उन्होंने अदालत में यह भी तर्क दिया कि CBI की पूरी जांच प्रक्रिया पूर्वाग्रह से प्रभावित है और सिर्फ राजनीतिक फायदे और प्रतिद्वंद्विता के कारण यह मामला उछाला जा रहा है।

आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया

आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित और बदनाम करने की साजिश बताया है। पार्टी ने आरोप लगाए हैं कि केजरीwal को एक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में उनके मुख्यमंत्री को निशाना बनाया जा रहा है।

क्या है एक्साइज पॉलिसी घोटाला?

इस घोटाले में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी के तहत शराब लाइसेंस वितरण में अनियमितताएँ हुईं और इससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। इस घोटाले में यह भी दावा किया गया कि कुछ व्यापारियों और कंपनियों को खासतौर पर फायदा पहुंचाने के लिए नीतियों में बदलाव किए गए।

आगे की राह

अब सभी की नजरें उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट पर हैं, जो आगामी सुनवाई में इस मामले को किस दिशा में लेकर जाती है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अदालतें इस मामले पर क्या रुख अपनाती हैं। इस मुद्दे में राजनीतिक दांव-पेंच भी महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं क्योंकि इसे न सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरे देश की राजनीति में बड़े परिवर्तनों का जनक माना जा रहा है।