जब विजय कुमार मल्होत्रा, भाजपा वरिष्ठ नेता और भारतीय जनता पार्टी ने 30 सितंबर 2025 को नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में अपना अंतिम सांस ली, तो राजनीतिक मंच पर एक बड़ा झटका लगा। 94 वर्ष की आयु में यह आकस्मिक निधन देश‑व्यापी शोक का कारण बना।

पृष्ठभूमि: राजनीति में मल्होत्रा का योगदान

मल्होत्रा जी का जन्म 3 दिसंबर 1931 को लाहौर (तब ब्रिटिश इंडिया) में हुआ था। वह बचपन में ही स्वतंत्रता संग्राम के विचारों से प्रभावित हुए और बाद में जनसंघ में शामिल हो गये। दिल्ली में जनसंघ के विचारों को फैलाने के लिए उन्होंने जो मेहनत की, वह आज भी कई नेताओं द्वारा उद्धृत की जाती है। 1977 के बाद, जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) का गठन हुआ, तो मल्होत्रा को दिल्ली के प्रथम अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह दिल्ली के पूर्व मुख्य कार्यकारी पार्षद और सांसद भी रह चुके थे, जिससे उन्होंने राजधानी की राजनीति को नई दिशा दी।

विवरण: अंतिम क्षण और अस्पताल की स्थिति

मल्होत्रा जी को कई दिनों से चल रही बीमारी के कारण AIIMS में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों के अनुसार, उनका स्वास्थ्य धीरे‑धीरे बिगड़ता जा रहा था, लेकिन वह अपने काम से पूरी तरह दूर नहीं हुए। सुबह लगभग 6:00 बजे, ICU में उनके रक्तचाप में अचानक गिरावट देखी गई और उसी क्षण उनका निधन हो गया।

प्रधानमंत्री और केंद्रीय नेताओं की शोकपत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत मल्होत्रा जी के आवास पर जाकर व्यक्तिगत रूप से श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, "विजय कुमार मल्होत्रा जी ने दिल्ली के लोकतांत्रिक धुरंधरों में से एक जगह बनाई है, उनका संघर्ष और सादगी हमें हमेशा प्रेरित करेगा।"

साथ ही, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर दु:ख जताते हुए लिखा, "एक सच्चे विचारधारा वाले नेता का निकटतम अंतराल छोड़कर जाना… हमारी गहरी संवेदना।"

दिल्ली की प्रत्यक्ष प्रतिक्रियाएँ

दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आधिकारिक बयानों में कहा, "अत्यंत दुख के साथ यह बताना पड़ रहा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और दिल्ली भाजपा के प्रथम अध्यक्ष प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा जी का आज प्रातः आकस्मिक निधन हो गया। वह 94 साल के थे। उनका जीवन सादगी और जनसेवा का प्रतीक था।"

दिल्ली के मुख्यमंत्री रीखा गुप्ता ने सभी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया और कहा, "उनकी मृत्यु अपूरणीय क्षति है, उन्होंने दिल्ली की राजनीति को नयी दिशा दी। हम उनके परिधान में बसे अनुशासन को आगे बढ़ाएंगे।"

भाजपा इंटर्नल परामर्श और भविष्य की दिशा

भाजपा इंटर्नल परामर्श और भविष्य की दिशा

बिहार और उत्तर प्रदेश में भी कई वरिष्ठ नेताओं ने मल्होत्रा जी के योगदान को याद किया। उनका नाम अक्सर पार्टी के युवा वर्ग को नैतिकता, अनुशासन और कड़ाई से जुड़ी प्रशिक्षण में उद्धृत किया जाता है। कई नेताओं का कहना है कि उनका चल रहा "मल्होत्रा मॉडल"—धार्मिकता, कार्यनिष्ठा और जनता के प्रति निष्ठा—भविष्य की पार्टी रणनीति में आधार बनना चाहिए।

क्या इससे राजनैतिक समीकरणों पर असर पड़ेगा?

वर्तमान में, दिल्ली के कई विकास परियोजनाएँ और चुनावी रणनीतियाँ मल्होत्रा जी की राय पर काफी निर्भर थीं। उनकी अनुपस्थिति से कुछ छोटे‑मोटे असमानताएँ उत्पन्न हो सकती हैं, परन्तु बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने कहा है कि "पार्टी की दिशा में कोई बदलाव नहीं होगा, हम उनके विचारों को आगे ले जायेंगे।"

मुख्य तथ्य (Key Facts)

  • निधन तिथि: 30 सितंबर 2025, सुबह 6:00 बजे
  • स्थान: नई दिल्ली, AIIMS
  • उम्र: 94 वर्ष
  • पद: दिल्ली भाजपा के प्रथम अध्यक्ष, पूर्व मुख्य कार्यकारी पार्षद, सांसद
  • मुख्य शोक व्यक्तकर्ता: नरेंद्र मोदी, अमित शाह, रीखा गुप्ता, वीरेंद्र सचदेवा

आगे क्या उम्मीद करें?

खबरों के अनुसार, दल के भीतर मल्होत्रा जी के उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। साथ ही, दिल्ली में कई सामाजिक कार्यों के लिए उनके नाम पर स्मारक स्थापित करने की योजनाओं पर चर्चा चल रही है। जनता के बीच उनके योगदान को याद रखने के लिए कई स्मरणीय कार्यक्रम आयोजित होने की सम्भावना है।

Frequently Asked Questions

Frequently Asked Questions

विजय कुमार मल्होत्रा का राजनीतिक करियर कैसे शुरू हुआ?

मल्होत्रा जी ने 1950 के दशक में जनसंघ में शामिल होकर राजनीति की शुरुआत की। लाहौर में जन्म लेकर दिल्ली में बसने के बाद, उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सामाजिक सुधार के मुद्दों पर काम किया, जिससे उन्हें अहम पार्टी पदों पर नियुक्ति मिली।

उनकी मृत्यु का कारण क्या बताया गया?

डॉक्टर्स ने बताया कि मल्होत्रा जी को कई पुरानी बीमारी थी और COVID‑19 के बाद उनकी सेहत और बिगड़ती रही। ICU में अचानक रक्तचाप गिरने के कारण उनका निधन हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि में क्या कहा?

मोदी ने कहा कि "विजय कुमार मल्होत्रा एक सच्चा राष्ट्रवादी थे, जिनकी विचारधारा ने दिल्ली की राजनीति को पुनर्परिभाषित किया। हम उनके आदर्शों को आगे बढ़ाते रहेंगे।" यह बयान प्रधानमंत्री के कार्यालय द्वारा जारी किया गया।

दिल्ली सरकार ने उनके निधन पर क्या कदम उठाए?

मुख्यमंत्री रीखा गुप्ता ने सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए और मल्होत्रा जी की स्मृति में एक विशेष सभा आयोजित करने की घोषणा की। इस सभा में उनके जीवन पर चर्चा और सामाजिक कार्यों को आगे बढ़ाने की योजना बनाई जाएगी।

भाजपा के भीतर उनकी असली भूमिका क्या थी?

मल्होत्रा जी दिल्ली की पार्टी संरचना को सुदृढ़ करने, पार्टी के अनुशासन को बनाए रखने और जनसेवा के मॉडल को स्थापित करने में अहम थे। उनके मार्गदर्शन में कई युवा नेता उभरे, जिससे बीजेपी की दिल्ली में लोकप्रियता बढ़ी।