एमएसएमई बजट 2024: नयी पहलें और समर्थन

अर्थव्यवस्था के विकास और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए केन्द्रीय बजट 2024 में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत इस बजट में एमएसएमई क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के उपायों की एक सशक्त श्रृंखला पेश की गई है। इन घोषणाओं से न केवल एमएसएमई क्षेत्र को लाभ होगा, बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में भी एक नई ऊर्जा आएगी।

MUDRA ऋण सीमा में वृद्धि

अभी तक MUDRA योजना के तहत TARUN श्रेणी में ऋण सीमा ₹10 लाख थी, जिसे अब बढ़ाकर ₹20 लाख कर दिया गया है। यह वृद्धि उन उद्यमियों के लिए विशिष्ट रूप से की गई है, जिन्होंने अपने पुराने ऋण सफलतापूर्वक चुकता कर दिए हैं। इस कदम से नए उद्यमियों को अधिक पूंजी उपलब्ध होगी, जिससे वे अपने व्यवसाय को और विस्तार दे सकेंगे।

क्रेडिट गांटी योजना

इस बजट में एक और महत्वपूर्ण घोषणा क्रेडिट गांटी योजना की है। नई योजना के तहत निर्माण क्षेत्र के एमएसएमई को बिना किसी कोलेट्रल या तृतीय-पक्ष गांटी के टर्म लोन दिए जाएंगे। यह कदम उन निवेशकों के लिए विशेष लाभकारी होगा, जो अपने व्यवसाय को शुरू करने या विस्तारित करने के लिए पर्याप्त संपत्ति नहीं रखते।

सरकारी बैंकों की भूमिका

बजट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अपने क्रेडिट मूल्यांकन तंत्र को परंपरागत तरीकों के बजाय डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर विकसित करें। इससे ऋण प्रक्रिया को सहज और तेज बना सकेगी, साथ ही जोखिम को भी कम किया जा सकेगा।

संकटग्रस्त MSMEs को मदद

सरकार ने संकटग्रस्त एमएसएमई इकाइयों को क्रेडिट उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक क्रेडिट गांटी फंड की भी घोषणा की है। यह फंड विशेष रूप से उन इकाइयों को सहायता करेगा, जो वित्तीय संकट से जूझ रही हैं और जिन्हें तत्काल नकदी प्रवाह की जरूरत है। इससे ऐसे एमएसएमई को पुनः अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद मिलेगी।

TReDS प्लेटफॉर्म

इसके अलावा, TReDS प्लेटफॉर्म का उपयोग बढ़ाने के लिए टर्नओवर थ्रेशहोल्ड को ₹500 करोड़ से घटाकर ₹250 करोड़ कर दिया गया है। TReDS प्लेटफॉर्म एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है, जहां एमएसएमई अपने इनवॉइस का भुगतान जल्दी प्राप्त कर सकते हैं। इससे नकदी प्रवाह में सुधार होगा और लेट पेमेंट के संकट से निजात मिलेगी।

SIDBI की नई शाखाएं

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास बैंक (SIDBI) की नई शाखाओं की स्थापना भी की जाएगी, जिससे एमएसएमई को सीधे ऋण सहायता मिल सके। यह कदम विशेष रूप से दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में एमएसएमई को फायदा पहुंचाएगा, जहां उन्हें आवश्यक वित्तीय संसाधन की कमी का सामना करना पड़ता है।

खाद्य परीक्षण और निर्यात

सरकार ने नई खाद्य विकिरण और गुणवत्ता परीक्षण इकाइयों की स्थापना की भी घोषणा की है। इसके साथ ही, ई-कॉमर्स निर्यात हब भी स्थापित किए जाएंगे, जो एमएसएमई को नए बाजारों तक पहुंचने में मदद करेंगे। इन उपायों का उद्देश्य एमएसएमई को गुणवत्ता में सुधार और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाना है।

निष्कर्ष

इन सभी घोषणाओं और उपायों से यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए गंभीर है। इन उपायों से न केवल एमएसएमई को वित्तीय मजबूती मिलेगी, बल्कि वे अपनी उत्पादकता और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ा सकेंगे। यह एक सकारात्मक दिशा में कदम है, जो भारत के औद्योगिक और आर्थिक परिदृश्य को मजबूत करेगा।

13 टिप्पणि

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    Raj Entertainment

    जुलाई 25, 2024 AT 08:31
    ये बजट वाले सब कुछ तो बहुत अच्छा लगा, लेकिन असली टेस्ट तो तब होगा जब गांव के छोटे दुकानदार को लोन मिलेगा। अब तक तो सिर्फ पैपरवर्क का खेल रहा है।
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    Naman Khaneja

    जुलाई 26, 2024 AT 13:20
    ये MUDRA लिमिट बढ़ना तो बहुत बड़ी बात है 😊 अब छोटे बिजनेस वाले भी बड़े सपने देख सकते हैं! जय हिंद 🙌
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    Manikandan Selvaraj

    जुलाई 27, 2024 AT 02:32
    ये सब बकवास है सर बस चुनाव से पहले की गई झूठी घोषणाएं हैं जब तक बैंकों के बाहर निकले तब तक तुम्हारा लोन नहीं मिलेगा
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    Abhrajit Bhattacharjee

    जुलाई 27, 2024 AT 05:20
    MUDRA की सीमा बढ़ाना तो अच्छा है, लेकिन क्या ये बदलाव वास्तविक जीवन में लागू होगा? बैंक अभी भी गारंटी और कॉलैटरल की मांग करते हैं। ये घोषणाएं तो बस बुक में रह जाती हैं।
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    vicky palani

    जुलाई 28, 2024 AT 04:02
    TReDS थ्रेशहोल्ड घटाना बहुत अच्छा लगा, लेकिन जब तक बड़े कंपनियां अपने पेमेंट नहीं देंगी, तब तक ये प्लेटफॉर्म बस एक डिजिटल नकली है।
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    Nisha gupta

    जुलाई 29, 2024 AT 01:46
    एमएसएमई को समर्थन देना एक अर्थव्यवस्था के लिए जीवनरक्षक है। ये घोषणाएं तो बहुत अच्छी हैं, लेकिन अब इनके लागू होने की गुणवत्ता का ख्याल रखना होगा। वरना ये सब बस शब्दों का खेल है।
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    Ajay Chauhan

    जुलाई 29, 2024 AT 17:27
    SIDBI की नई शाखाएं? अरे भाई, वो तो पहले से भी बहुत थीं, बस कोई नहीं जाता वहां। इनका नाम बदल दिया और घोषणा कर दी।
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    jijo joseph

    जुलाई 29, 2024 AT 19:41
    डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर क्रेडिट एवल्यूएशन तो बहुत स्मार्ट एप्रोच है। ये एमएसएमई के लिए एक ट्रांसफॉर्मेशनल बदलाव हो सकता है। बस डेटा प्राइवेसी का ध्यान रखना होगा।
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    Fatima Al-habibi

    जुलाई 31, 2024 AT 10:48
    क्रेडिट गारंटी फंड? इसका मतलब है कि अगर कोई बर्बाद हो जाएगा, तो टैक्सपेयर का पैसा उसे बचाएगा। क्या ये निवेश का सही तरीका है?
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    Gaurav Verma

    अगस्त 1, 2024 AT 12:24
    ये सब एक बड़ा धोखा है। अगर एमएसएमई वास्तव में महत्वपूर्ण हैं, तो फिर उन्हें टैक्स छूट नहीं दी जा रही? ये सब बस बाहरी रंग-बिरंगी झलक है।
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    Roshni Angom

    अगस्त 1, 2024 AT 13:46
    खाद्य परीक्षण इकाइयाँ... ये तो बहुत जरूरी है। हमारे छोटे उद्यमी अभी भी गुणवत्ता के बारे में नहीं जानते... अगर ये असली रूप से काम करे तो निर्यात बढ़ेगा। बस बाहरी दुनिया को दिखाने के लिए नहीं, अपने देश के लिए करना होगा।
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    leo kaesar

    अगस्त 3, 2024 AT 09:14
    बजट में कुछ भी नहीं है। बस शब्दों का खेल।
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    Abhrajit Bhattacharjee

    अगस्त 4, 2024 AT 06:26
    अगर SIDBI की शाखाएं ग्रामीण क्षेत्रों में बन रही हैं, तो ये तो असली बदलाव हो सकता है। लेकिन बैंकर्स को भी ट्रेन करना होगा। वरना वो भी अपने पुराने तरीकों पर अड़े रहेंगे।

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