Bajaj Finance के शेयर धड़ाम: सही मायनों में क्या है गिरावट की वजह?

25 जुलाई 2025 को Bajaj Finance के शेयर 4.72% टूटकर ₹913.75 पर बंद हुए, जिससे यह Nifty 50 में सबसे बड़ा लूज़र रहा। इस दिन Nifty में भी कमजोरी रही, जो 0.83% गिरकर 24,854 तक लुढ़क गया। लेकिन Bajaj Finance की गिरावट बाकी शेयरों से कहीं ज्यादा रही। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण कंपनी के MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) और टू-व्हीलर के लोन पोर्टफोलियो की खराब होती क्वालिटी है।

कंपनी का सकल NPA (गैर-निष्पादित संपत्ति) अनुपात इस तिमाही 1.03% पहुंच गया, जबकि पिछले क्वार्टर में यह 0.96% था। वहीं, साल-दर-साल आधार पर लोन लॉसेस और प्रोविजनिंग में 26% का इज़ाफा दिखाई दिया। इतना तो साफ है कि Bajaj Finance की लोन रिकवरी और क्वालिटी, खासकर उन सेगमेंट्स में जहां क्रेडिट रिस्क पहले से ज्यादा है, अब बाजार के लिए सिरदर्द बनी हुई है।

बाजार का मूड: निवेशक और विश्लेषक दोनों उलझन में

बाजार का मूड: निवेशक और विश्लेषक दोनों उलझन में

ऐसा नहीं है कि Bajaj Finance ने हाल में कमजोर प्रदर्शन किया है। पिछले एक साल में इसका शेयर 38% बढ़ चुका है और जून 2025 में तो इसने 52-वीक हाई ₹978.59 भी छू लिया था। पिछले छह महीनों में शेयर ने 25% और इस पूरे साल अब तक 34.58% की रिटर्न दी है। बीते पांच सालों तक देखें तो Bajaj Finance शेयर ने जबरदस्त 188% का रिटर्न दिया, जो कि बाजार में बेहद शानदार माना जाता है। यानी लॉन्ग टर्म में शेयर ने निवेशकों को निराश नहीं किया।

फिर भी वर्तमान हालात ने निवेशकों की बेचैनी बढ़ा दी है। एनालिस्टों की राय भी बंटी हुई नजर आ रही है। Emkay Global ने टार्गेट प्राइस ₹1,000 तक बढ़ाया है, वहीं Jefferies ने Buy रेटिंग बरकरार रखते हुए ₹1,100 का टार्गेट रखा है। JM Financial भी Buy पर है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अब वैल्यूएशन में चुनौती है और शॉर्ट टर्म में संकट बढ़ सकते हैं।

नतीजतन, Bajaj Finance जैसे हाई-ग्रोथ शेयर में भी अब निवेशकों को रिस्क ज्यादा सताने लगा है, खासकर जब MSME और टू/थ्री-व्हीलर जैसे अनसेक्योर्ड लोन पोर्टफोलियो में डिफॉल्ट की संभावना बढ़ी है।

एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि Bajaj Finance ने पिछले 17 में से 13 जुलाई मासिक रिटर्न पॉजिटिव दिए हैं, जिनका औसत 10.13% रहा है। इस बार हालांकि बाजार का रुख एकदम उल्टा दिखाई दे रहा है। कमजोर लोन रिकवरी और बढ़ती provisions ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। ऐसे समय में जहाँ कंपनी का विकास रिकॉर्ड हाई पर है, वहीं तात्कालिक संकट और सेक्टर के जोखिम शेयर पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं।